September 26, 2023

राज्य के न्यायिक अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं के लिये 40 घंटे का मीडियेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

Read Time:8 Minute, 11 Second

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर एवं कमेटी फाॅर माॅनिटरिंग द मिडियेषन सेंटर, छ.ग. उच्च न्यायालय, बिलासपुर के संयुक्त तत्वाधान में छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों के 42 न्यायिक अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं के लिए आयोजित 40 घंटे के मिडियेषन प्रषिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आॅडिटोरियम में आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम विगत 3 अगस्त से प्रारंभ किया गया था। समापन समारोह न्यायमूर्ति श्री पी. आर. रामचन्द्र मेनन, मुख्य न्यायाधीष, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, छ.ग.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य आतिथ्य एवं न्यायमूर्ति श्री प्रषांत कुमार मिश्रा, न्यायाधीष, छ.ग. उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता तथा न्यायमूर्ति श्री पी. सेम कोषी, न्यायाधीष, छ.ग. उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, कमेटी फाॅर माॅनिटरिंग द मिडियेषन सेंटर, न्यायमूर्ति श्री आर.सी.एस. सामंत, न्यायाधीष, छ.ग. उच्च न्यायालय एवं सदस्य कमेटी फाॅर माॅनिटरिंग द मिडियेषन सेंटर की विषिश्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति श्री पी.आर. रामचन्द्र मेनन, मुख्य न्यायाधीष, ने अपने उद्बोधन में मीडियेषन के महत्व पर प्रकाष डालते हुए कहा कि हमे हरेक चीज से सीख लेनी चाहिए।  मीडियेषन, मामलों की त्वरित निराकरण में सहायक सिद्ध हो सकता है। उन्हांने महाभारत के समय भगवान श्रीकृश्ण के द्वारा कौरव एवं पाण्डव के मध्य हुए विवाद को मीडियेषन के माध्यम से सुलाझाये जाने के सप्रयास कीओर ध्यान आकृष्ठ कराते हुए मीडियेषन प्रक्रिया को प्राचीनतम समय का होना बताया। मीडियेषन से जटिल से जटिल समस्याओं का निराकरण हो जाता है।  इसकी खास बात यह है कि इसमें किसी पक्षकार की हार नहीं होती है। दोनेां पक्षकार एक निर्णय पर पहुंचते है।  इस प्रकार दोनों ही पक्षों की जीत होती है।  न्यायमूर्ति श्री प्रषांत मिश्रा ने कहा कि मीडियेषन में मिडियेटर एक निश्पक्ष व्यक्ति होता है। जिसमें जज या अधिवक्ता को 40 घंटे का प्रषिक्षण देकर मीडियेटर बनाया जाता है और पक्षकार एवं मिडियेटर के बीच हुई चर्चा उपरांत पक्षकार स्वयं निर्णय लेते हैं। मीडियेटर इसमें तृतीय पक्ष होता है, जो एक मध्य का रास्ता प्रस्तुत करता है। जिसमें पक्षकारों के बीच निगोषियेषन एवं बारगेनिंग भी होती है। न्यायमूर्ति श्री पी. सेम कोषी, न्यायाधीष ने कहा कि  काफी संख्या में अधिवक्ताओं ने इसमें रूचि दिखाई है। इन 5 दिनों में प्रषिक्षण कार्यक्रमों में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। उन्होंने न्यायाधीषों से अधिक से अधिक प्रकरणों को मिडियेषन के लिए रिफर करने का आव्हान किया। कमेटी फाॅर माॅनिटरिंग द मिडियेषन सेंटर, छ.ग. उच्च न्यायालय, बिलासपुर के सदस्य न्यायमूर्ति श्री आर.सी.एस. सामंत ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने मीडियेषन की प्रक्रिया पर प्रकाष डालते हुए नई दिल्ली से आये आब्जर्वर एवं अन्य राज्यों से आये पोटेन्षियल टेªनरों के द्वारा दिये गये टेªनर पर संतोश व्यक्त करते हुए कहा कि यहां दिये गये प्रषिक्षण का लाभ उठाये और अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण में प्रयास करें। कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत भाशण श्री संजय कुमार जायसवाल, सचिव कमेटी फाॅर मानिटरिंग द मिडियेषन सेंटर के द्वारा दिया गया।  प्रषिक्षण कार्यक्रम का आभार प्रदर्षन श्री सिद्धार्थ अग्रवाल, सदस्य सचिव, छ.ग.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा दिया गया।   कार्यक्रम का संचालन श्री द्विजेन्द्र, सिविल जज बिलासपुर के द्वारा किया गया। 40 घंटे के मिडियेषन प्रषिक्षण में टेªनर श्री के.के. मखीजा, अब्र्जवर, दिल्ली से, सुश्री बलबीर कौर गांधी पोटेंषियल टेªनर हरियाणा, श्री अषोक कुमार राय पोटेंषियल टेªनर झारखण्ड, सुश्री आरती षर्मा पोटेंषियल टेªनर मध्यप्रदेष से, सुश्री अनुपम धींगरा, आब्र्जवर, नई दिल्ली से, श्री यषपाल सिंह डाहिया पोटेंषियल टेªनर हरियाना, श्री राजेष दास पोटेंषियल टेªनर झारखण्ड, श्री भैया मुकेष कुमार पोटेंषियल टेªनर झारखण्ड के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रषिक्षण कार्यक्रम छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सभागार में 03  से 07 अगस्त 2019  तक दो बैच में चला जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों के 16 न्यायिक अधिकारीगण  एवं 26 अधिवक्ताओं ने भाग लिया। प्रषिक्षण कार्यक्रम में विषिश्ट रूप से न्यायमूर्ति श्री मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति श्री संजय अग्रवाल, न्यायमूर्ति श्री षरद कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति श्री आर.पी. षर्मा, न्यायमूर्ति श्री अरविंद सिंह चंदेल, न्यायमूर्ति श्री पी.पी. साहू, न्यायमूर्ति श्री गौतम चैरडिया, न्यायमूर्ति श्रीमती विमला सिंह कपूर न्यायमूर्ति श्रीमती रजनी दुबे उपस्थित रहीं साथ ही श्री रविषंकर षर्मा, प्रमुख सचिव, विधि विभाग, श्री एन.सी. सांखला, रजिस्ट्रार जनरल, श्री एन.डी. तिगाला, जिला न्यायाधीष,  श्री के.एल.चरियाणी, निदेषक, न्यायिक एकडेमी, श्री दीपक तिवारी रजिस्ट्रार (विजिलेंस), रजिस्ट्री, एकेडमी, जिला न्यायालय के न्यायिक अधिकारीगण, वरिश्ठ अधिवक्तागण, अधिवक्तागण इत्यादि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post धान खरीदी हेतु किसानों का पंजीयन 16 से 31 अक्टूबर तक
Next post त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2019-20 हेतु फोटोयुक्त मतदाता सूची तैयार करने का कार्यक्रम जारी
error: Content is protected !!