September 26, 2023

लोकपर्व भोजली अंचल में पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया गया

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बिलासपुर. लोक पर्व भोजली अंचल में पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया गया। इस मौके पर महामाया मंदिर टस्ट ने भोजली प्रतियोगता का आयोजन किया। इसमें बड़ी संख्या में अंचल की मंडलियां आकर्षक साज-सज्जा के साथ भोजली लेकर शामिल हुए।सावन महीने के नागपंचमी के दूसरे दिन से किसान घरों में भोजली लगाकर देवी की अराधना करते हैं। इसका विसर्जन सावन महीने के खत्म होने के साथ ही भादो के पहले दिन किया जाता है। मंगलवार की शाम बड़ी संख्या में महिलाएं गाजे-बाजे व आकर्षक साज-सज्जा के साथ लोक गीत गाते हुए भोजली विसर्जन करने को निकली। विसर्जन से पहले महामाया मंदिर टस्ट की ओर से महामाया मंदिर परिसर स्थित भागवत मंच पर भोजली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया गया। इसमें बडी संख्या में अंचल की मंडलियां आकर्षक साज-सज्जा के साथ भोजली लेकर शामिल हुए।मान्यता है कि भोजली छत्तीसगढ के सबसे प्राचीनतम लोकपर्वो में से है। इसे सखी सहेली और गाथा भी माना जाता है। आल्हा उदल की गाथा को भी इससे जोडा़ जाता है। महिलाएं देवी स्वरूप में भी इसकी पूजा कर उत्साह के साथ संपन्नता व समृदृधि की कामना करती हैं।   साथ ही भोजली को फसलों की समृदृधि से भी जोडा़ जाता है। किसानों के ऐसी मान्यता है कि भोजली जितनी समृदध और स्वस्थ दिखेगी। खेतों में लगी फसलें उतना ही अच्छा उत्पादन देगी। 

तीस वर्षों से आयोजन किया जा रहा

महामाया मंदिर ट्रस्ट के द्वारा भोजली प्रतियोगिता  का आयोजन पिछले 30 वर्षों से करीब महामाया मंदिर परिसर के भागवत मंच में किया जा रहा है । जहां पर इस बार निर्णायिका के रूप में मीरा शर्मा, अनामिका शर्मा, पुष्पा तिवारी, सुषमा गुप्ता, शारदा राजपूत, सुनंदा सोनी, दुर्गा देशमुख रही । इस खोजली प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि मनराखन जायसवाल, संचालक मंडल किशन तंबोली, शंकर पटेल, के आर कौशिक, एसके श्याम, आरडी सोनी, संतोष शर्मा रहे ।

यह मंडलिया विजेता रही

बताया जाता है कि 11 मंडलीया पहुंचकर भोजली प्रतियोगिता में शामिल हुई थी । जिसमें नेहा काजल मंडली तुलजा भवानी करैहा पारा प्रथम विजेता रही  । जिनको 15 सौ रुपये का पुरस्कार दिया गया । द्वितीय विजेता रेशम बाई रानीपारा रही । जिन्हें 11सौ रुपये का पुरस्कार दिया गया । इसी तरह से तृतीय विजेता निशा ग्रुप महामाया पारा रहीं । जिन्हें की 9 सौ रुपये का पुरस्कार दिया गया । जबकि बाकी सभी मंडलियों को सांत्वना राशि 5 सौ रुपये दिया गया ।

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