वनस्पति विज्ञान के छात्रों ने जाना परंपरागत उपचार पद्धति का विज्ञान

बिलासपुर. गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के बॉटनी विभाग में छत्तीसगढ़ राज्य औषधीय पादप बोर्ड रायपुर वन विभाग छत्तीसगढ़ शासन की होम गार्डन हर्बल योजना के तहत एक दिवसीय कार्यशाला औषधीय पौधों का पारंपरिक उपयोग विषय पर आयोजित की गई, कार्यक्रम के समन्वयक निर्मल अवस्थी ने बताया कि औषधीय पौधों का पारंपरिक उपयोग सदियों से हो रहा है पर विकास की आपा धापी में हम अपनी विभिन्न परंपराओ को भूलते जा रहे हैं ,उन्हीं में हमारी स्वास्थ्य परंपरा हैं इसलिए वनस्पति विज्ञान के छात्र छात्राओं को जागरुक करने के उद्देश्य से प्रकृति प्रदत परंपरागत वनौषधि चिकित्सा में बहुउपयोगी जीवन दायिनी वनस्पति के पारंपरिक ज्ञान एवं उपयोग व महत्त्व परपरिचर्चा भी रखी गई। कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डा प्रदीप शुक्ला जिला आयुर्वेद अधिकारी बिलासपुर ने कहा कि औषधीय पौधे हमारी अमूल्य धरोहर है और आयुर्वेद जीवन का शास्त्र है जो मानव जीवन को आरोग्य रखने के ज्ञान का बोध कराता है, जिसमें औषधीय पौधों की महत्वपूर्ण भूमिका है ।

कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे स्कूल आफ लाईफ साइंस के डीन प्रोफेसर बी एन तिवारी ने परंपरागत उपचार पद्धति आधारित परंपरागत वैद्यौं की पहचान कर उनके ज्ञान का दस्तावेजीकरण कर अनुसंधान पर बल दिया उन्होंने कहा कि आज हमें अपने पारंपरिक ज्ञान को प्रमाणिकता के साथ आगे लाने के सार्थक प्रयास करने चाहिए ,आवश्यकता है, पेटेंट कराने की दिशा में भी कार्ययोजना पर आगे आवें वैश्विक स्तर पर इस क्षेत्र में लोग काफी अच्छे कार्य किए रहे हैं ,उन्होंने ने कार्यक्रम के संयोजक निर्मल अवस्थी की सराहना करते हुए कहा कि इनका यह प्रयास अवश्य विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं को नई दिशा देगा। वनस्पति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सुशील शाही ने छात्रों छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की लोक स्वास्थ्य परंपरा में बहु उपयोगी औषधीय पौधों को सूचीबद्ध कर उन वनस्पति के संरक्षण संवर्धन के साथ गुणवत्ता युक्त औषधीय पौधों के प्लाटिंग मैटेरियल की उपलब्धता तथा प्रायः विलुप्त हो रही औषधीय पौधों को वैज्ञानिक तकनीकी माध्यम तथा टीशू कल्चर पद्बति से बढ़ाने पर बल दिया ताकि इस क्षेत्र में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें, उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परंपरागत वैद्य संघ के साथ है।