इन देशों में छिड़ा युद्ध, अब तक 23 लोगों की मौत, 100 से ज्यादा घायल
बाकू. आर्मेनिया और अजरबैजान (Armenia and Azerbaijan) के बीच विवादित क्षेत्र नागोर्नो कारबाख (Nagorno-Karabakh region) को लेकर लड़ाई भड़क गई है. रविवार को हुए संघर्ष में कम से कम 23 लोगों की मौत हुई है. मरने वालों में सैनिकों के साथ-साथ आम जनता भी शामिल है. दोनों देशों में जारी गोलीबारी के चलते दक्षिण कॉकस (South Caucasus) क्षेत्र में अस्थिरता का खतरा उत्पन्न जो गया है. यह दुनिया के बाजारों में तेल और गैस परिवहन का कॉरिडोर है.
2016 के बाद से सबसे भीषण लड़ाई
2016 के बाद से दोनों देशों के बीच यह सबसे भीषण लड़ाई है. दोनों ओर से हवाई और टैंक से हमले किए गए हैं. हालातों को देखते हुए दोनों देशों ने मार्शल लॉ लागू कर दिया है. अजरबैजान में रविवार को कर्फ्यू भी लगाया था. नागोर्नो-काराबाख की तरफ से कहा गया है कि उसके 16 सैनिक मारे गए और अजरबैजान की सेना के साथ संघर्ष में 100 से अधिक घायल हुए हैं.
मार गिराए हेलिकॉप्टर
अजरबैजान के राष्ट्रपति का कहना है कि उनकी सेना को नुकसान हुआ है, लेकिन उन्होंने कोई विवरण नहीं दिया है. अजरबैजान के प्रॉसीक्यूटर जनरल के कार्यालय ने कहा कि आर्मेनिया के अलगाववादी बलों ने अजरबैजान के गैसहल्टी गांव पर हमला किया, जिसमें आम नागरिक मारे गए. दोनों देश एक-दूसरे पर युद्ध थोपने का आरोप लगा रहे हैं. आर्मेनिया ने दावा किया है कि उसने अजरबैजान के चार हेलिकॉप्टरों को मार गिराया और 33 टैंक एवं युद्धक वाहन को नेस्तानाबूद कर दिया. हालांकि, अजरबैजान ने आर्मेनिया के इसका खंडन किया है.
भारी संख्या में सैनिक तैनात
पूर्व सोवियत संघ के इन दोनों देशों के बीच नागोर्नो-कारबाख क्षेत्र को लेकर लंबे समय से विवाद है. अजरबैजान इस क्षेत्र को अपना मानता है. हालांकि 1994 की लड़ाई के बाद यह क्षेत्र अजरबैजान के नियंत्रण में नहीं है, इस पर आर्मेनिया के जातीय गुटों का कब्जा है. दोनों देशों के सैनिक इस क्षेत्र में भारी संख्या में तैनात हैं. लगभग 4,400 किलोमीटर में फैला नागोर्नो-कारबाख का ज्यादातर हिस्सा पहाड़ी है.
शांति की अपील
दोनों देशों के बीच स्थिति सामान्य करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास शुरू हो गए हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अर्मेनियाई प्रधानमंत्री निकोलियन पशिनियन से रविवार को फोन पर बातचीत की. रूस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों देशों को सैन्य कार्रवाई रोककर बातचीत से हल तलाशना चाहिए. वहीं, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि अर्मेनिया को अजरबैजान के प्रति शत्रुता भूलनी चाहिए. इसी तरह फ्रांस और अमेरिका ने भी दोनों देशों से बातचीत से हल निकालने के अपील की है.