एक मैच में लगातार 21 ओवर मेडन, आज ही के दिन पैदा हुए थे किफायती गेंदबाजों के ‘बापू’


नई दिल्ली. हिंदुस्तान की धरती पर एक से एक बेहतरीन गेंदबाजों का जन्म हुआ है, लेकिन उनमें सबसे अलग हैं  बापू नाडकर्णी, वो अपने जमाने में दुनिया के गेंदबाज़ों के ‘बापू’ हुआ करते थे. उस वक्त टीम इंडिया की स्पिन गेंदबाजी का लोहा वे अंग्रेज़ खिलाड़ी भी मानते थे जिन्होंने भारत में क्रिकेट की शुरुआत की थी. बापू ने एक बार तो ऐसी गेंदबाज़ी की कि लगा शायद उनकी बाल पर कभी भी कोई रन नहीं बन सकेगा.  साल 1964 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ लगातार एक के बाद एक 21 ओवर्स मेडन फेंके थे, जो आज भी एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है. इस पारी में अपने कुल 32 ओवर्स में से 27 ओवर बापू ने मेडन फेंके थे और रन दिए थे महज 7.

क्रिकेट इतिहास के सबसे किफायती गेंदबाज़ बापू नाडकर्णी न केवल गेंदबाज़ी के जादूगर थे, बल्कि बल्लेबाज़ी में भी वो कमाल के थे. अपने शुरुआती दौर के ही एक मैच में उन्होंने बॉम्बे टीम के खिलाफ 103 गेंदों में 103 रन बना कर अपनी टीम को जीत दिला दी थी. उनकी गेंदबाजी के दौरान रन बनाने की संभवना या तक कम होती थी, या फिर बिलकुल भी नहीं होती थी. लेकिन जब वो बल्लेबाजी के लिए उतरते थे तब भी कमाल करने की ताकत रखते थे. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने दोहरा शतक भी लगाया था और उनका सर्वाधिक स्कोर 282 रन नॉटआउट था.

बापू नाडकर्णी ने टीम इंडिया के लिए सिर्फ 41 मैच ही खले थे. भारतीय टीम में उनका चयन गेंदबाज़ के तौर पर होता था लेकिन उनकी भूमिका एक ऑलराउंडर की हुआ करती थी. बापू ने भारत की तरफ से खेले अपने 41 टेस्ट मैचों में कुल 1,414 रन बनाए और 88 विकेट लिए. सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के तौर पर उन्होंने एक मैच में 43 रन देकर 6 विकेट लिए थे. इसी साल पुणे में 17 जनवरी को 86 साल की उम्र में उनका लंबी बीमारी की वजह से निधन हो गया. वो अपने पीछे पत्नी और 2 बेटियों को छोड़ गए.

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