ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर, नारायणपुर की गाथा

ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर, यहां माता दंतेश्वरी देवी निवास करती हैं, पहाडी मंदिर जिला मुख्यालय, नारायणपुर में स्थिति अकेला प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर नारायणपुर से कुकराझोर मार्ग में कुम्हारपारा के पास ही उंचे पहाड़ी में स्थित है। चूंकि कुम्हारपारा में ही रक्षित केन्द्र स्थित है इसलिए पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों विशेषकर पुलिस अधीक्षक और रक्षित निरीक्षकों ने समय-समय पर अपना अमूल्य योगदान देते हुए लगभग अपनी पहचान खो चूके ऐतिहासिक मंदिर का जिर्णोद्धार कराया। यह मंदिर कई दशकों से स्थित है जो अपने आप में दर्शनिक व प्राकृतिक सौन्दर्य का केंद्र बना हुआ है, नवरात्रि एवं महाशिवरात्रि जैसे पर्व के अलावा भी प्रतिदिन श्रद्धालुओं का आवागमन लगा रहता है।

उल्लेखनीय है कि सर्वप्रथम रक्षित निरीक्षक एस.एस. विंध्यराज द्वारा तात्कालीन पुलिस अधीक्षक राहूल भगत और पुलिस अधीक्षक मयंक श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में अपने कार्यकाल में रक्षित केन्द्र में तैनात पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों के सहयोग से वर्ष 2008-2013 के मध्य पहली बार मंदिर के जिर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ करते हुए सीढ़ियों में स्टील की रेलिंग, हनुमान जी की मंदिर और जल आपूर्ति हेतु बोरिंग, मोटर और पानी की टंकी इत्यादि का निर्माण कराया था। उसके बाद से निरंतर रक्षित केन्द्र, नारायणपुर के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा समय समय पर छोटी-बडी निर्माण कार्य करवाया जाता रहा है।

हाल ही में, कोरोना महामारी के दौरान पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग की अध्यक्षता में गठित करूणा फाउण्डेशन के सहयोग एवं मार्गदर्शन में रक्षित निरीक्षक दीपक साव के नेतृत्व में करूणा फाउण्डेशन तथा रक्षित केन्द्र नारायणपुर के अधिकारी/कर्मचारियों के सहयोग से पुनः ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर के सौन्दर्यीकरण का कार्य किया गया है। इसके तहत् पहाड़ी मंदिर प्रांगण में पुराने कलस की साफ सफाई कर रंगों से कलाकृति फ्लॉवर पॉट गमला बनाया गया, रेलिंग, टाइल्स, हवन यज्ञ तैयार किया गया तथा जिर्णोद्धार, सौदर्यीकरण, प्लांटेशन, पत्थरों में चित्रकारिता एवं साज सज्जा के साथ सेल्फी पॉइंट तैयार किया गया, 5नए स्थायी कूड़ादान तैयार कराया गया तथा यात्री प्रतीक्षालय का मरम्मत कार्य व पहाडी मंदिर में टीन शेड का निर्माण भी कराया गया है। करूणा फाउण्डेशन के उपाध्यक्ष रोहित साव के द्वारा हाल ही में 4 अगस्त 2020 को पहाडी मंदिर में राम दरबार की स्थापना भी कराया गया है।

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