May 4, 2024

पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की महंगाई मोदी सरकार प्रायोजित

रायपुर. पेट्रोल- डीजल, रसोई गैस के दामों में रोज हो रही वृद्धि को कांग्रेस ने मोदी भाजपा को मिले बहुमत के अहंकार की उपज बताया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि आम जनता मोदी प्रायोजित महंगाई से पीड़ित है। सदन में बहुमत के आंकड़ो की अकड़ में मोदी भाजपा की सरकार महामारी से पीड़ित रोजी, रोजगार के गंभीर संकट से जूझ रही महंगाई से त्रस्त और परेशान जनता की आवाज को अनसुना कर रही है। देश में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सहित खाद्य सामग्रियों के सस्ते होने के पर्याप्त अवसर और कारण है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत निम्न स्तर में है उसके बावजूद मोदी सरकार मनमानी करते हुए आम जनता से पेट्रोल- डीजल में बेतहाशा एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर बेतहाशा वसूली कर रही है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में यूपीए सरकार के समय 2013-2014 में क्रूड ऑयल 105.52 डॉलर प्रति बैरल था जो वर्तमान में 2021 में 44.82 डॉलर कीमत में मिल रही है। यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल में 9 रुपए 20 पैसा एवं डीजल में 3.46 रु एक्साइज ड्यूटी लगता था उसे बढ़ाकर मोदी सरकार ने पेट्रोल में लगभग 33 रु एवं डीजल में 32 रु की एक्साइज ड्यूटी वसूल रही हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल में एक ओर मुनाफाखोरी कर रही है, दूसरी ओर अपने इस मुनाफाखोरी को पर्दा करने के लिए पूर्ववर्ती सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है जबकि सच्चाई यह है कि यूपीए सरकार के दौरान जो ऑयल बॉन्ड खरीदा गया था उसके पहले अटल बिहारी वाजपायी की सरकार ने भी ऑयल बॉन्ड जारी किया था। रसोई गैस के दामों में बेतहाशा वृद्धि कर दिया गया, दूसरी ओर आम जनता को यूपीए सरकार के दौरान मिलने वाली सब्सिडी को भी खत्म कर दिया गया है। इससे रसोई गैस की महंगाई की दोहरी मार आम जनता को उठाना पड़ रहा है। डीजल के दामों में वृद्धि से कृषि लागत मूल्य भी बढ़ गया है। खाद की दामों में वृद्धि कर दी गई जिसका नुकसान किसानों को उठाना पड़ेगा। किसानों की आमदनी दुगुनी होने के बजाय आधी हो जायेगी। महामारी काल में जहां देश की जनता को केंद्र सरकार को राहत देने काम करना चाहिए उल्टा महामारी की आफत से लड़ रही जनता के ऊपर महंगाई का बोझ बढ़ाकर कुठाराघात कर रही है। यूपीए सरकार के दौरान महंगाई को लेकर घड़ियाली आंसू बहाने वाले भाजपा के नेता अब केंद्र सरकार में मंत्री हैं जिनके जिम्मेदारी है कि देश की जनता को महंगाई से राहत दिलाना लेकिन अब वो मोदी प्रायोजित महंगाई के आगे मौन हैं और महंगाई को राष्ट्रहित में बता रहे हैं।

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