ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने दी दिवाली की बधाई, कहा- हमने इस साल बहुत अंधेरा देखा


मेलबर्न. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) ने भारतीयों को दिवाली की शुभकामनाएं दी हैं और कहा है कि इस साल दिवाली त्योहार (Diwali) का संदेश ‘विशेष महत्व’ रखता है, क्योंकि दुनिया कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) का सामना कर रही है.

‘डर के बावजूद किया एक-दूसरे का समर्थन’
मॉरिसन ने हाल ही में जारी एक वीडियो संदेश में कहा, ‘ज्यादातर साल हम अंधेरे से पार पाने के बारे में सोचते हैं, इसके बजाय सैद्धांतिक अवधारणा से अलग करने की जरूरत है. इस साल दिवाली के संदेश का एक विशेष महत्व है.’ उन्होंने कहा, ‘दुनिया कोविड-19 महामारी का सामना कर रही है और लोगों ने आजीविका के साथ-साथ अपनों को खोया है. इसके बावजूद हमें एक उम्मीद है. पूरे 2020 में भय के बावजूद हमने एक-दूसरे का समर्थन किया है, एक दूसरे को प्रोत्साहित किया है और एक-दूसरे के साथ खड़े हैं.’

स्कॉट मॉरिसन ने इन लोगों का किया शुक्रिया
उन्होंने आगे कहा, ‘हमने अपने चिकित्सा पेशेवरों, शिक्षकों, सफाईकर्मियों, खुदरा विक्रेताओं, पुलिस और रक्षा बल के जवानों के अलावा कई अन्य लोगों से ताकत और प्रेरणा ली है, जिन्होंने करुणा और व्यावसायिकता के साथ संकट का जवाब दिया है.’ उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया पृथ्वी पर सबसे सफल बहु-सांस्कृतिक राष्ट्र है और इस दिवाली पर, मैं उन सभी को शुक्रिया कहना चाहता हूं, जिन्होंने इस परंपरा को हम तक पहुंचाया है.’

‘हमने इस साल देखा है बहुत अंधेरा’
मॉरिसन ने अपने संदेश में कहा, ‘हां, हमने इस साल अंधेरा देखा है, लेकिन प्रकाश उस अंधेरे पर काबू पा रहा है. आगे प्रकाश है और आशा है. सभी को दीपों का त्योहार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं. यह कई धर्मों के लोगों के लिए एक विशेष क्षण है.’

विपक्षी नेता एंथनी अल्बनीज ने भी दी बधाई
ऑस्ट्रेलिया में विपक्ष के नेता एंथनी अल्बनीज ने भी दिवाली की बधाई दी और कहा कि उम्मीद है कि अगले साल लोग एक साथ रोशनी का त्योहार मना पाएंगे. उन्होंने कहा, ‘मैं आप सभी को एक शानदार दिवाली की शुभकामनाएं देता हूं. अंधेरे पर प्रकाश की जीत के उत्सव के रूप में, यह स्वागत योग्य है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम सभी को कोरोनो वायरस महामारी की वास्तविकताओं के अनुकूल होना चाहिए. इस सारी उथल-पुथल के बीच भी दिवाली बड़ी हो.’ अल्बनीस ने कहा, “मैं उन लोगों के प्रति सहानुभूति रखता हूं जो अपने पैतृक घर जाने में सक्षम नहीं है, और इस साल अपने परिवारों के साथ जश्न मनाने में असमर्थ हैं.’

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