कितना भी पुराना क्यों न हो मोटापा, पेगन डाइट फॉलो करने पर मक्खन की तरह पिघलेगी चर्बी
पेगन डाइट वजन घटाने, मोटापे से जुड़ी बीमारियों को दूर करने, सूजन को कम करके और ब्लड शुगर को स्टेबल करके स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
इन दिनों दिनों एक नया डाइट प्लान ‘पेगन डाइट प्लान’ काफी ट्रेंड में है। ‘पेगन डाइट दो डाइटों का कॉम्बिनेशन है- पैलियो डाइट और वेगन डाइट। 2015 में डॉ. मार्क हाइमैन, एमडी फिजिशियन द्वारा बनायी गयी एक नई डाइट पेगन डाइट’ भोजन के दो प्रकार के सबसे लोकप्रिय शैलियों – पैलियो और वेगन डाइट से प्रेरित होकर उन्हें मिलाकर बनाई गई है। डॉ. मार्क हाइमैन के अनुसार, ‘बीमारी से बचने के लिए किसी भी दवा की तुलना में फूड अधिक पावरफूल होता है।
पेगन डाइट प्लांट बेस्ड और एनिमल बेस्ड सोर्स के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए एक आदर्श डाइट प्लान है। पेगन डाइट वजन घटाने, मोटापे से जुड़ी बीमारियों को दूर करने, सूजन को कम करके और ब्लड शुगर को स्टेबल करके स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।’ आइये, इस लेख में आपको बताते हैं पेगन डाइट के बारे में विस्तृत जानकारी और उससे मिलनेवाले फायदे और नुकसान के बारे में।
पेगन डाइट के नियम
डॉ. हाइमन के अनुसार पेगन डाइट 75/25 के नियम पर आधरित है, जिसमें 75 प्रतिशत डाइट में फल और सब्जियां होती हैं और बाकी के 25 प्रतिशत में प्रोटीन और हार्ट हेल्दी मोनोअनसैचुरेटेड फैट होता है। पीगन डाइट में आप प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करते हैं और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाते हैं।यानी कि शुगर और स्टार्च की जगह आपको प्लांट और एनिमल फूड का सेवन करना होता है।
पेगन डाइट में आपको विशिष्ट स्रोतों से हैल्दी फैट खाना चाहिए, जिसमें ओमेगा -3 से भरपूर स्रोत शामिल हो, जो ज्यादातर फैटी फिश, ऑलिव ऑयल, नट्स (मूंगफली को छोड़कर), अनसैचुरेटेड नारियल तेल, एवाकाडो ऑयल, हरी पत्तेदार सब्जियां, सीड्स (प्रॉसेस्ड सीड्स ऑयल को छोड़कर), साबुत अंडे में पाए जाते हैं।
कैसे फॉलो करें पेगन डाइट-
पेगन डाइट, हेल्दी और संपूर्ण खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देता है जो आपके शरीर के लिए आवश्यक विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। पेगन डाइट का पालन करना ज्यादा सरल और आसान है। इसमें मैक्रोज़ को गिनने या अंक, कैलोरी या कार्ब्स पर नज़र रखने की कोई जरूरत नहीं होती है, जिसके कारण लंबे समय तक पालन करना आसान बनाता है। लेकिन इस डाइट को फॉलो करने के लिए इसे आप किसी डायटीशियन के मार्गदर्शन में करें।
क्या खाना चाहिए?
- फल: सेब, संतरे, जामुन, नाशपाती, केले, अंगूर, चेरी, आदि।
- सब्जियां: शतावरी, ब्रोकोली, फूलगोभी, अजवाइन, पत्तेदार साग, मूली, शलजम, आदि।
- अनाज (कम मात्रा में): क्विनोआ, ओट्स, ब्राउन राइस, बाजरा।
- फलियां (कम मात्रा में): छोला, काली बीन्स, पिंटो बीन्स, राजमा, दाल
- बीज: बादाम, अखरोट, काजू, पिस्ता, मैकाडामिया नट, चिया बीज, अलसी, भांग के बीज
- स्वस्थ वसा: अपरिष्कृत नारियल तेल, ऑलिव ऑयल, एवाकाडो ऑयल,
- मांस: गोमांस, वेनीसन, वील, भेड़ का बच्चा, बाइसन, आदि।
- फ्री-रेंज पोल्ट्री: चिकन, टर्की, बतख, हंस, आदि।
- मछली:सालमन, सार्डिन, एन्कोवी, मैकेरल, टूना, आदि।
- साबुत अंडे क्या नहीं खाना चाहिए?
पेगन डाइट में वीट-बेस प्रोडक्ट को बाहर रखा गया है। इसमें डेयरी विकल्प या प्लॉट-बेस आधारित दूध के उत्पादों में दिन में एक बार बादाम का दूध और सोया दही ले सकते हैं। पेगन डाइट में कृत्रिम रंग, स्वाद और मिठास को दूर रखा जाता है। यहाँ पेगन डाइट का पालन करते हुए कुछ खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें आपको सीमित करना चाहिए या उनसे बचना चाहिए:
- पारंपरिक कृषि द्वारा उत्पादित: मांस, मुर्गी पालन, समुद्री भोजन और अंडे
- दुग्ध उत्पाद: दूध, दही, पनीर, मक्खन, घी, आदि।
- अनाज: ग्लूटेन युक्त अनाज, जैसे कि गेहूं, जौ और राई
- फलियां: मूंगफली
- परिष्कृत तेल: सूरजमुखी तेल, मकई का तेल, सोयाबीन तेल, कनोला तेल
- चीनी और चीनी से बने उत्पाद
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: चिप्स, कुकीज़, ग्रेनोला बार, परिष्कृत अनाज, फास्ट फूड
पेगन डाइट के क्या हैं फायदे-
पेगन डाइट के क्या हैं नुकसान-
हालाँकि, जब तक आपको किसी खास पदार्थ से कोई एलर्जी या प्रॉब्लम नहीं होती है, तब तक उनसे बचना बेमानी है। चूंकि यह डाइट दो अलग-अलग खाने के पैटर्न का एक संयोजन है, तो शुरुआत में इसका पालन करने में नियम थोड़े कठिन लग सकते हैं। अतः पेगन डाइट को सुरक्षित रूप से लागू करने के लिए पोषण की एक बुनियादी समझ की आवश्यकता हो सकती है।