कुट्टू या सिंघाड़ा, जानें नवरात्र में वजन घटाने के लिए करें किस आटे का सेवन
यदि आप इस नवरात्र में अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं और जल्द रिजल्ट देखना चाहते हैं। तो यहां जानें आपनी डायट में कुट्टू या सिंघाड़ा, किस आटे से बने व्यंजन का सेवन करें।
नवरात्र और सर्दियां दोनों एक ही समय पर आते हैं। ऐसे में नवरात्र के दौरान जो आहार खाए जाते हैं, वह सर्दियों के लिजाह से हमारे शरीर के लिए बिल्कुल परफेक्ट माने जाते हैं। सर्दियों में हमें ऐसी चीजों को अपनी डायट में शामिल कर लेना चाहिए जो शरीर को अंदर से गर्मी प्रदान करे।
नवरात्र के दिनों में सबसे ज्यादा खाया जाने वाला कुट्टू और सिंघाड़े का आटा न सिर्फ उपवास के दौरान शरीर को ऊर्जा देता है, बल्कि जब बात वजन घटाने की आए, तो उसमें भी फायदा पहुंचाता है। मगर दोनों में से किसका सेवन ज्यादा बेहतर है, आइए जानते हैं…
कुट्टू का आटा
कुट्टू को अंग्रेजी में बकवीट के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार के फल के बीज से प्राप्त किया जाता है, इसीलिए इसे उपवास के दौरान सेवन करने की अनुमति है। आटे में अखरोट का स्वाद होता है और यह गेहूं के आटे का एक हेल्दी विकल्प है। कुट्टू का आटा शरीर में गर्मी पैदा करता है और इसीलिए इस मौसम के लिए इसे आदर्श माना जाता है। यदि आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं या फिर उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर से पीड़ित हैं, तो कुट्टू के आटे सेवन जरूर करें। कुट्टू के आटे में फॉस्फोरस, विटामिन, मैग्नीशियम और जिंक पाया जाता है
सिंघाड़ा, जिसे वॉटर चेस्टनट भी कहा जाता है, एक ऐसा फल है जो पानी के नीचे बढ़ता है। यह सर्दियों का फल होता है, हालांकि बाजार में इसका आटा शाहबलूत के नाम से सालों-साल बिकता है। यह आटा पोषक तत्वों से भरा होता है, जिसका उपयोग व्रत के समय विभिन्न व्यंजन बनाने के लिए किया जा सकता है।
कुट्टू अटा वजन घटाने के लिए अद्भुत काम करता है, क्योंकि इसमें 75 प्रतिशत कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट और 25 प्रतिशत उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन होता है, जो इसे वेट लॉस डायट में शामिल करने का अच्छा विकल्प बनाता है। कुट्टू अटा खाने से वजन कम होता है और इसमें गेहूं के आटे की तुलना में कम कैलोरी होती है। इसके अलावा, यह कोलेस्ट्रॉल पर काबू रखकर शरीर को फाइबर और प्रोटीन भी देता है। इसमें आयोडीन, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन बी 1 और बी 6 भी होता है।
सिंघाड़े के आटे में ढेर सारा फाइबर होता है। फाइबर को पचने में अधिक समय लगता है और इस प्रकार यह भूंख को कंट्रोल करता है। इसमें पोटेशियम ज्यादा और सोडियम कम है, जो शरीर में वॉटर रिटेंशन को कम करने में मदद करता है। इतना ही नहीं, सिंघाड़े का आटा कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट और अन्य ऊर्जा बढ़ाने वाले पोषक तत्वों जैसे कैल्शियम, लोहा, जस्ता और फास्फोरस का एक उत्कृष्ट स्रोत है। उपवास के दौरान यदि शरीर में कमजोरी लगे, तो आप एनर्जी बढ़ाने के लिए इस आटे का सेवन कर सकते हैं। आटे में कोई कोलेस्ट्रॉल नहीं है। बल्कि यह विभिन्न प्रकार के मिनरल्स, विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध है। यह कॉपर, राइबोफ्लेविन से भरा होता है और आपकी थायराइड की समस्याओं को दूर रखने में मदद करता है।

आपके शरीर के लिए दोनों ही आटे बेहद हेल्दी माने गए हैं। हालांकि, कुट्टू का आटा शरीर को गर्मी प्रदान करता है, तो वहीं, सिंघाड़े का आटा शीतलता के गुणों से भरा है। दोनों आटे पोषक तत्वों से भरपूर हैं और वजन कम करने के लिए बढ़िया हैं। बस सुनिश्चित करें कि आप इनका सेवन संतुलित मात्रा में ही करें।