कोटा के विकास हेतु मास्टर प्लान तैयार

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 14 के अनुसार कोटा निवेश क्षेत्र के विकास हेतु मास्टर प्लान बनाने के लिये नगर पंचायत कोटा और 14 गांवों को सम्मिलित करते हुए विकास योजना का प्रारूप तैयार किया गया है। इस संबंध मंे सुझाव देने के लिये गठित समिति की बैठक कलेक्टर डाॅ.संजय अलंग की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
मंथन सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने कोटा के विकास योजना प्रारूप में स्टेडियम के प्रस्ताव को भी शामिल करने का सुझाव दिया। समिति सदस्यों ने घोंघा जलाशय का पर्यटन की दृष्टि से विकास करने, कोटा-बिलासपुर मार्ग पर स्थित कृषि भूमि को आवासीय एवं मिश्रित भूमि करने, साथ ही भविष्य की संभावना को देखते हुए कोटा के मास्टर प्लान में आवासीय भूमि बढ़ाने का भी सुझाव दिया गया।

अधिनियम की धारा 18 (1) के तहत समिति से जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं उन्हें शामिल करते हुए कोटा विकास योजना प्रारूप प्रकाशित की जाएगी। प्रकाशन के 30 दिन के भीतर जनसामान्य से आपत्ति एवं सुझाव लिये जायेंगे। प्राप्त आपत्ति एवं सुझावों पर समिति सुनवाई करेगी और कोटा के विकास हेतु मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया जायेगा। छत्तीसगढ़ नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 13 (2) के तहत बिल्हा निवेश क्षेत्र का मास्टर प्लान तैयार किया जाना है। जिसके लिये कलेक्टर डाॅ.संजय अलंग की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक भी आज सम्पन्न हुई। नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के संयुक्त संचालक तथा समिति के संयोजक श्री संदीप बांगड़े ने बताया कि बिल्हा निवेश क्षेत्र का मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। जिसमें ग्राम झलफा जो बिलासपुर निवेश क्षेत्र के बाहर है और बिल्हा निवेश क्षेत्र से लगा हुआ है। उसे बिल्हा के मास्टर प्लान में शामिल करना आवश्यक है। समिति द्वारा अधिनियम 1973 की धारा 13 (2) के तहत बिल्हा निवेश क्षेत्र में इस ग्राम को शामिल करने के लिये कार्यवाही की गई। बैठक में संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश श्री प्रसाद, नगर पंचायत कोटा अध्यक्ष सहित अन्य समिति के सदस्य, संबंधित गांवों के सरपंच, कंसलटेंट इंजीनियर एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।