कोरोना की वज़ह से रंग-कर्म बदरंग

प्रशांत सिंह
कोरोना के चलते रंगकर्मियों की हालत खराब हो गई है। रंग के आयोजन नहीं हो पा रहे हैं। कलाकार घर बैठे हुए हैं।उनकी किसी प्रकार की गतिविधि संचालित नहीं हो पा रही हैं। थियेटर लॉकडाउन के कारण बंद हैं, जिससे कलाकारों को रोजी- रोटी के लाले पड़ गए हैं।
सन् 2020 का यह साल रंग-कर्म की दृष्टि से शून्य रहा है। फरवरी माह से आरंभ इस महामारी की वज़ह से सम्पूर्ण देश लॉकडाउन का शिकार है। लगभग सात माह होने को हैं जबकि एक भी नाटक का रिहर्सल तक नहीं किया जा सका है।सोशल डिस्टेंसिंग और कवारन्टाइन के चलते लोग न तो आपस में मिल पा रहे हैं और न जमा हो पा रहे हैं और न एक दूसरे से मिल पा रहे हैं।
महाराष्ट्र में रंग-कर्म का महत्वपूर्ण स्थान है। यहां घर-घर में कलाकार मिलते हैं। थियेटर करना कलाकारों का प्रमुख व्यवसाय है। कोरोना के कारण थियेटर हाल ही बंद पड़े हैं तो नाटक कहां मंचित किये जा सकते हैं ?
कलाकार प्रतिदिन एक स्थान पर एकत्र होकर रिहर्सल, नाटकों पर चर्चा, मंचन आदि विषयों पर विचार करते रहे हैं पर अब सब ठप है। थियेटर ने बॉलीवुड को अनेक लोकप्रिय कलाकार दिए जिनमें नसीरुद्दीन शाह,अनुपम खेर,परेश रावल, अमरीशपुरी, दीप्ति नवल, फारुख शेख आदि अनेक उल्लेखनीय नाम हैं।
फिल्मों में लोकप्रिय होने के बाद भी कलाकार थियेटर करते हैं। थियेटर से उनका अटूट रिश्ता बन गया है पर कोरोना का ग्रहण इस कर्म पर लग गया है।
स्वतंत्रता दिवस के राष्ट्रीय पर्व को भी अब गिने-चुने दिन रह गए है।इस दौरान स्कूलों और महाविद्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ करते हैं किंतु इस बार स्कूल, महाविद्यालय ही बंद हैं तो सांस्कृतिक कार्यक्रम का सवाल ही नहीं होता।
इस बार झंडा परेड होना मुश्किल दिखाई दे रहा है। लाल किले में भी झंडा समारोह शायद हो पाये। शहरों अनेक नाट्य में सांस्कृतिक संगठन हैं किंतु उनकी भी गतिविधियां ठंडी पड़ी हुई है। साहित्यिक संस्थाओं का बुरा हाल है न तो उनके वार्षिकोत्सव हो पा रहे हैं और न बैठकें हो पा रही हैं।
कोरोना पॉजिटिव के मामले और बढ़ते जा रहे हैं। इस पर कोई नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। ऐसा लगता है कि जब तक कोरोना की रोकथाम के लिए टीकाकरण का अभियान नहीं छेड़ा जाता तब तक इस पर नियंत्रण पाना कठिन है। लॉक डाउन में आदमी का घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है।
खेल गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं। न तो इंडोर गेम हो रहे हैं और न आउट डोर गेम। आईसीसी ने वर्ल्ड कप क्रिकेट का आयोजन रद्द कर दिया है। आगे ओलंपिक भी होना था जिसका भी अता-पता नहीं है। बैडमिंटन, हॉकी,फुटबॉल आदि सभी खेल भी लॉकडाउन के शिकार हैं।
इसके अलावा विकास के कार्य भी ठप हो गए हैं। सड़क, नाली आदि के कार्य अधूरे पड़े हैं। प्रदेश और केंद्र के मंत्रिमंडल की गतिविधियां भी प्रभावित हो गई हैं। न कोई समारोह न कोई बैठक। चारों तरफ कोरोना का हाहाकार मचा हुआ है।क्या होगा, भविष्य अनिश्चित दिखाई पड़ रहा है। सुपर फ़िल्म स्टार अमिताभ बच्चन और उनके परिवार के कोरोना ग्रस्त होने के समाचार के बाद घर पर बैठा आदमी भी अपने को असुरक्षित मानने लगा है। अब तो चमत्कार की उम्मीद दुनिया के लोग वैज्ञानिक से ही कर रहे हैं कि वे लोग कोरोना के लिए कोई वैक्सीन, टीका ईजाद करेंगे।

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