ग्रामीण परिवेश में रोका-छेका पुरानी परम्परा रही है : कलेक्टर धावड़े

बलरामपुर/धीरेन्द्र कुमार द्विवेदी. पूरे प्रदेश में वृहद स्तर पर रोका-छेका कार्यक्रम आयोजित किया गया। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के समस्त गोठानों में कृषकों तथा पशुपालकों द्वारा पशुओं को खुले में विचरण को प्रतिबंधित करने के संकल्प के साथ रोका-छेका कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई। कलेक्टर  श्याम धावड़े तथा पुलिस अधीक्षक  टीआर कोशिमा ने विकासखंड कुसमी के बसकेपी एवं सामरी स्थित गोठान में आयोजित रोका-छेका कार्यक्रम में शामिल हुए। कलेक्टर ने जनप्रतिनिधियों, गोठान प्रबंधन समिति के सदस्यों तथा ग्रामवासियों को रोका-छेका के पालन करने की शपथ दिलाने के साथ इसकी औपचारिक शुरूआत की। इस दौरान महिला समूहों तथा पशुपालन विभाग द्वारा लगाए गए स्टालों का अवलोकन कर उन्होंने कृषकों को निःशुल्क बीज का वितरण किया। कलेक्टर  श्याम धावड़े एवं पुलिस अधीक्षक टीआर कोशिमा विकासखंड कुसमी के बसकेपी स्थित गोठान में आयेजित कार्यक्रम में शामिल हुए। कलेक्टर ने ग्रामीण जनों को संबोधित करते हुए रोका-छेका के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की ग्रामीण परिवेश में रोका-छेका की पुरानी परंपरा रही है।

ग्रामीणजन आषाढ़ के पूर्व फसल की तैयारियों के दौरान अपने पशुओं को चरवाहों के माध्यम से चराते थे ताकि फसलों को नुकसान न हो। पशुओं को चराने के एवज में चरवाहों को चावल या कुछ धनराशि प्रदान की जाती थी। कलेक्टर ने कहा कि राज्य शासन द्वारा पशुधन के संरक्षण तथा संवर्धन के लिए सुराजी गांव योजना की शुरुआत की गई है, जिसके अंतर्गत गौठानों के माध्यम से पशुधन की सुरक्षा तथा उनका उचित रखरखाव किया जा रहा है। गौठान में रोका-छेका की शुरुआत कर इसको संगठित रूप में सामूहिक भागीदारी बढ़ाने का प्रयास है। रोका-छेका के लागू होने से किसानों के फसलों का नुकसान कम होगा तथा उनके आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि किसानों का हित सर्वोपरि है उनके हितों की रक्षा हमारी प्राथमिकता है। कलेक्टर ने कहा कि मवेशियों के अपशिष्ट से फसल के लिए उपयोगी जैविक खाद का उत्पादन होगा। जिससे महिला समूह द्वारा बाड़ी में उपयोग कर उत्पादित सब्जी बेचकर आत्मनिर्भर बनेंगे। पुलिस अधीक्षक  टीआर कोशिमा ने कहा कि रोका-छेका में सभी कृषक तथा पशुपालक अपनी भागीदारी निभाएं। पशुओं को गोठान के माध्यम से चराई के लिए भेजें। गोठान प्रबंधन समिति अपने दायित्वों का निर्वहन करें, रोका-छेका की सफलता में समिति की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इसके बाद कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिला समूह तथा पशुधन विभाग के स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने महिलाओं द्वारा तैयार किये जा रहे साबुन को आमजनों से खरीदने का आग्रह किया ताकि महिलाओं को आय के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले। इस अवसर पर कलेक्टर  धावड़े ने कृषको को निशुल्क बीज का वितरण भी किया। इसी प्रकार सामरी गौठान में आयोजित कार्यक्रम में भी ग्रामीणों को रोका-छेका के महत्व के बारे में जानकारी दी तथा ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। उन्होंने संबंधित अधिकारियों शीघ्र ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण करने के निर्देश दिए।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!