चीन के निशाने पर हैं उइगर मुसलमान, सउदी ने खड़े किए हाथ, पाकिस्तान अब भी अनजान
नई दिल्ली. उइगर मुस्लिम एक बार फिर चीन के निशाने पर हैं. चीन मानता है कि उइगर मुस्लिम उसके लिए खतरा हैं. अब तक यह बात चीन के अंदर का खुला सच थी जो चीनी सरहदों से बाहर नहीं आ सकी थी, लेकिन आज दुनिया जान गई है कि दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम उत्पीड़न चीन में चल रहा है. एक बार फिर से रोजमर्रा के कामों को लेकर चीन में उइगर मुसलमानों को तंग किया जाने लगा है.
चीन ने उइगर के सबसे बड़े इमाम को भी कैद कर रखा है. दरसल, दशकों से पश्चिमी चीन में उइगर इमाम खेती करने वाले उइगर समुदाय के लोगों के लिए काम करते हैं. शुक्रवार को वह उपदेश देते थे कि इस्लाम शांति प्रिय धर्म है. रविवार को वह बीमार लोगों को हर्बल दवाओं से ठीक करते थे. सर्दियों में वह कोयले खरीदकर उइगर मुस्लिमों की मदद किया करते थे. लेकिन तीन साल पहले चीन ने लाखों उइगर मुस्लिमों को शिविरों में कैद कर लिया. इनमें उइगर इमाम एमर और उनके तीन बेटे भी शामिल हैं.
लीक डेटाबेस से हुआ खुलासा
समाचार एजेंसी एपी द्वारा जारी किए गए डेटाबेस में पता चला है कि अभी भी 311 लोग चीन की नजरबंदी में हैं. इन सभी के रिश्तेदार विदेश में हैं. इस डेटाबेस में उनके 2000 से ज्यादा रिश्तेदारों, पड़ोसियों और दोस्तों के बारे में सूचनाएं लिस्टेड हैं. इसके अलावा इस डेटाबेस में एड्रेस से लेकर पड़ोसियों तक के नाम दिए गए हैं. ये डॉक्युमेंट पिछले एक साल में जारी किए गए हैं. इनमें इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि इन दस्तावेजों को किस सरकारी विभाग ने तैयार किया है और क्यों?
चौंकाने वाले खुलासे
डेटाबेस में दावा किया गया है कि सिर्फ राजनीतिक उग्रवाद ही नहीं बल्कि धर्म भी हिरासत में लेने का मुख्य कारण है. इतना ही नहीं रोजमर्रा की चीजें जैसे कि प्राथना, मस्जिद में जाना या फिर दाढ़ी बढ़ाना और नकाब पहनना भी हिरासत में लिए जाने के कारणों में शामिल हैं. कैंपों में अधिकतर ऐसे लोग हिरासत में हैं जो अपने रिश्तेदारों के साथ हैं. एमर की तरह ही इन लोगों के पूरे परिवार को शिविरों में कैद कर लिया गया है.
चीन ने साधी चुप्पी
चीनी सरकार भी इस मामले पर बोलने से बचती आई है. जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग से पूछा गया कि एक खास धर्म के लोगों और उनके परिवारों को निशाना बनाया जा रहा है तो उन्होंने कहा, ‘इस तरह की बकवास टिप्पणी करने लायक नहीं है.’
अब बड़ी बात ये है कि मुस्लिम देशों में भी चीन के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं बची है. अब तक यह बात चीन के अंदर का ही खुला सच थी जो चीनी सरहदों से बाहर नहीं आ सकी थी, लेकिन आज दुनिया जान गई है कि दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम उत्पीड़न चीन में चल रहा है. लेकिन चीन के सामने मुंह खोलकर बात कहने की हिम्मत न तो पाकिस्तान में है और ना ही किसी अन्य मुस्लिम देश में.
सऊदी अरब ने खड़े किए हाथ
उधर, उइगर मुसलमानों पर सऊदी अरब ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं. चीन में प्रताड़ित हो रहे उइगर मुस्लिमों के नेताओं ने हालही में प्रिंस सलमान को पत्र लिख कर उन्हें इस प्रताड़ना से बचाने की गुहार लगाईं थी. लेकिन प्रिंस सलमान ने साफ कर दिया है कि यह चीन का अंदरूनी मामला है और इसमें वे कुछ नहीं कर सकते.
पाकिस्तान ने भी दिया झटका
इससे पहले उइगर मुसलामानों की उम्मीद को झटका दिया था दुनिया के उस देश ने जो अपने-आपको दुनिया के मुसलमानों का सबसे बड़ा खैरख्वाह मानता है. यह देश है पाकिस्तान, जिसने चीन में पांच लाख से ज्यादा उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार पर चुप्पी साध ली है. जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से इस बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं.