चीन पर होने वाला था बड़ा खुलासा, लेकिन उससे पहले ही वीगर मुस्लिम की हत्या!


बीजिंग. चीन में वीगर मुस्लिमों (Uyghur Muslims) की स्थिति को लेकर कोई बड़ा खुलासा होने वाला था, लेकिन इससे पहले कि बीजिंग का क्रूर चेहरा दुनिया के सामने आ पाता संबंधित व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया गया. हालांकि, चीन की कम्युनिस्ट सरकार इस हत्या को ‘सामान्य’ मौत बता रही है.

चीन (China) ने संयुक्त राष्ट्र (UN) के समक्ष यह स्वीकार किया है कि अब्दुल गफूर (Abdulghafur Hapiz) नामक जिस वीगर मुस्लिम की गुमशुदगी की बात कही जा रही है, उसकी मौत हो गई है. संयुक्त राष्ट्र कार्य दल (United Nations Working Group on Enforced or Involuntary Disappearances -WGEID) से अप्रैल 2019 में शिकायत की गई थी कि वीगर समुदाय के अब्दुल पिछले काफी समय गायब है और चीनी सरकार उनके बारे में कोई जानकारी प्रदान नहीं कर सही है. चीन तब से इस मामले पर चुप्पी साधे रहा और अब उसका कहना है कि अब्दुल की मौत हो गई है.

चीन ने कहा, निमोनिया हुआ था 
बीजिंग ने संयुक्त राष्ट्र को बताया है कि अब्दुल गफूर की 3 नवंबर, 2018 को निमोनिया और टीबी के चलते मौत हो गई थी. हालांकि मृतक की बेटी यह मानने को तैयार नहीं है. उसका कहना है कि उसके पिता को शिनजियांग प्रांत के शिविर (Xinjiang camp) में जबरन कैद करके रखा था और प्रताड़ना के कारण उनकी मौत हुई.

2017 से रखा था शिविर में
द गार्जियन के अनुसार, चीन ने UN WEID को सौंपे एक दस्तावेज में गफूर की मौत के बात स्वीकारी है, लेकिन उसका कहना है कि गफूर की मौत निमोनिया और तपेदिक से हुई. गफूर की बेटी फातिमा (Fatimah Abdulghafur) का कहना है कि उनके पिता को केवल डायबीटीज थी. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पिता को 2017 से शिनजियांग प्रांत के शिविर में रखा जा रहा था.

बहुत जरूरी कुछ बताना है 
फातिमा का कहना है कि उन्हें अपने पिता का आखिरी मैसेज वीचैट पर मिला था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वो कोई बहुत जरूरी बात मुझे बताना चाहते हैं, लेकिन बाद में जब मैंने उन्हें कॉल किया तो संपर्क नहीं हो सका. उसके बाद से वह गायब हैं. फातिमा के मुताबिक, चीनी अधिकारियों ने उनके पिता के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी. फातिमा अब इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय अदालत का जाने का मन बना रही हैं. उनका कहना है कि वह अपने पिता की मौत के कारण का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगी.

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