चुनावी नतीजों के बाद इस देश में बिगड़े हालात, प्रदर्शनकारियों ने संसद पर किया कब्‍जा


नई दिल्‍ली. किर्गिस्तान में आम चुनावों के नतीजों के बाद हालात बिगड़ गए हैं. हालांकि पूरे देश में भारी विरोध को देखते हुए नतीजों को रद्द कर दिया गया है. संसदीय चुनावों (Parliamentary elections) में धोखेबाजी का आरोप लगाते हुए सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने अब संसद पर भी कब्‍जा कर लिया है. प्रदर्शनकारियों ने पूर्व राष्‍ट्रपति अलमाजबेक अतमबयेव को भी जेल से रिहा करा लिया है.

पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें
चुनावों में वोट खरीदने का आरोप लगा रहे प्रदशर्नकारी पूरे देश में लगातार आक्रामक विरोध कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें भी हुईं. प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस बल का प्रयोग भी किया गया. पुलिस ने आंसू गैस और पानी की तेज धार का उपयोग किया. इस सबके बावजूद वे भीड़ को संसद और राष्‍ट्रपति के ऑफिस में घुसने से नहीं रोक पाए. खबरों के मुताबिक राष्‍ट्रपति के कार्यालय में घुसे लोगों ने खिड़कियों से बाहर कागज भी फेंके.

पूर्व राष्‍ट्रपति को कराया रिहा 
हजारों प्रदर्शनकारियों की भीड़ नेशनल सिक्‍योरिटी कमेटी की बिल्डिंग में घुस गई और वहां से पूर्व राष्‍ट्रपति अतमबयेव को छुड़ा लिया. भ्रष्‍टाचार के मामले में पूर्व राष्ट्रपति जेल में बंद थे. इस दौरान अधिकारी ने कोई विरोध नहीं किया और वे प्रदर्शनकारियों के आगे बेबस नजर आए.

इसलिए भड़का विरोध
दरअसल, पिछले रविवार को हुए चुनावों में 16 में से सिर्फ 4 पार्टियां ही संसद में जगह बना पाईं और इनमें से तीन पार्टियां राष्ट्रपति जीनबेकोव की करीबी हैं. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया गया है कि राष्ट्रपति के करीबी गुटों ने मतदाताओं को डरा-धमकाकर वोट खरीदे हैं. इसी के बाद विपक्ष की 12 पार्टियों ने कहा कि वे चुनाव के नतीजों को नहीं मानती.

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