छठ का पर्व धार्मिक ही सामाजिक भी है, छठ पर छुट्टी देने वाला बिहार के बाद दूसरा राज्य छत्तीसगढ़ : सीएम भूपेश बघेल

बिलासपुर. अरपा माता की महाआरती में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे, मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित करते हुए कहा कि अरपा जीवन दायनी नदी है, यह हमेशा बहती रहे, हम सभी के लिए अति आवश्यक है, इसके लिए उचित व्यवस्था करनी होगी, हमने संकल्प लिया है कि अरपा का घाट और भी सुन्दर बनेगा, भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि छठ पूजा केवल धार्मिक दृश्टि से नहीं बल्कि सामाजिक दृश्टि से जरूरी है, उनके लिए भी जरूरी है, जो अपने जड़ों से कट रहे हैं, उन बेटों के लिए जरूरी है, जो इस पर्व पर अपने घर आते हैं, उन माताओं के जरूरी है, जो इस पर्व पर अपने संतानों को देख लेती है, उन परिवारों के जरूरी है, जिनके सदस्य रोजी-रोटी के बहाने देश और अलग-अलग क्षेत्रों में रहते हैं, जो छठ पर्व मनाने के लिए एकत्रित होते है, उन नयी पौध के लिए जरूरी है, जो नदियों को केवल किताबों में दखते है, यह पर्व उस परंपरा को जिंदा रखने के लिए जरूरी है, जो समानता की वकालत करता है, बिना पुरोहित के पूजा होती है, विशेषता यह है कि उगते सूरज को ही नहीं, बल्कि डूबते सूरज को भी प्रणाम किया जाता है, छठ पूजा उन पुरूषो के लिए जरूरी है जो नारी को कमजोर समझते हैं। भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार छठ पर्व पर अवकाश देने वाला बिहार के बाद दूसरा राज्य है। कार्यक्रम को बिल्हा क्षेत्र के विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा धरमलाल कौशिक ने भी संबोधित किया एवं कहा कि छठ पूजा के पूर्व अरपा नदी जो बिलासपुर की जीवनदायिनी है, जिसकी पूजा की परम्परा है, इस सभी के पीछे हम सभी का पवित्र भावना है कि नदी को स्वच्छ रखे और सतत जल का प्रवाह बना रहे। मैं प्रतिवर्श इसी उद्देष्य से समिति के कार्यक्रम में शामिल होता हूँ। कार्यक्रम में बिलासपुर विधायक शैलेश पाण्डेय, तखतपुर विधायक श्रीमती रश्मि सिंह, बेलतरा विधायक रजनीश सिंह, प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव सहित कलेक्टर, एस.पी., आई.जी., आयुक्त नगर निगम सहित एसईसीएल के निदेशक कार्मिक आर.एस.झा उपस्थित थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डाॅ.चरण दास महंत, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक आदि अतिथियों ने आरती एवं अरपा की पूजा में भाग लिया।
समिति के संरक्षक एस.पी.सिंह ने स्वागत भाषण का पत्र मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री भूपेष बघेल जी को सौंपा, उन्होंने कहा कि भूपेष बघेल जी का स्वागत शब्दों के मकड़जाल से करने की कला हममे ंतो नहीं है लेकिन हृदय से भाव अवश्य है। उन्होंने पत्र में लिखा कि अगर गुमनाम हो कोई उसे कोई नाम मिले, आशीष मिले जिसे आपका उसे पहचान बन जाये, भला कैसे नहीं हमारे छठघाट का रंग बदलेगा, सुदामा को अगर, आपसा घनश्याम मिल जाये। उन्होंने यह भी लिखा कि सनातनी अनुभूति महसूस होती है, जिसका प्रमाण है कि इन्होंने छठ माता के छठ पर्व पर सनातनी भावना से अवकाश घोषित किया है और आज राज्योत्सव के अवसर पर व्यस्तता के बाद भी हमारे कार्यक्रम में उपस्थित हुये। उन्होंने यह भी कहा कि हमें पूर्ण विश्वास है कि छठघाट निर्माण एवं अरपा माता की स्वच्छता में प्रशासनिक सहयोग की आवश्यकता है, जो मुख्यमंत्री जी के सानिध्य से सम्पन्न हो जायेगा।
कार्यक्रम में विशेष रूप से छ.ग.विधानसभा अध्यक्ष डाॅ.चरणदास महंत भी उपस्थित रहे, इनका स्वागत समिति के पदाधिकारियों ने किया, उन्होंने समिति का आश्वस्त किया कि मैं यहां पर अति व्यस्तता में उपस्थित हुआ हूं, जल्द ही पुनः आप सभी के मध्य उपस्थित होकर छठ माता का आशीर्वाद प्राप्त करूंगा।
कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से एस.पी.सिंह, व्ही.ए.झा, प्रवीण झा, अभय नारायण राय, एस.पी.एस.चैहान, एस.के.सिंह, विजय ओझा, आर.पी.सिंह, रामप्रताप सिंह, लवकुमार ओझा, धर्मेन्द्र दास, पंकज सिंह, प्रशांत सिंह, बृजेश सिंह, विनोद सिंह, सुनील सिंह, ए.के.कण्ठ, अशोक झा, सी.एम.सिंह, मुकेश झा, श्रीमती सपना सराफ, बी.आर.मिश्रा, गणेश गिरी, अर्जुन, दिलीप चौधरी, हरीओम दुबे, कुमुद रंजन सिंह, पी.के.सिंह, मुन्ना सिंह, हरिशंकर कुशवाहा, अनमोल झा, गणनाथ मिश्रा, धीरज झा, रूपेश गौराहा, गोपाल सिंह, अमरकांत तिवारी, पी.सी.झा, रंजीत ठाकुर, सी.पी.साहू, सी.पी.सिंह, चन्द्रकिशोर प्रसाद, अजीत पण्डित, राम गोस्वामी, संजय सिंह, शंकर कुंवर, हरीशंकर कुशवाहा, धनंजय झा, विजय दुबे, कमलेश्वर सिंह, जितेन्द्र ठाकुर, राजू गिरी, राम सखा चौधरी, हेमंत झा आदि का सराहनीय योगदान रहा।
कार्यक्रम का संचालन संरक्षक अभय नारायण राय ने किया, स्वागत भाशण समिति संरक्षक एस.पी.सिंह एवं आभार प्रदर्षन समिति सदस्य लव ओझा ने किया। दीपदान एवं आरती की व्यवस्था श्रीमती सपना सराफ ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में राजकिषोरनगर, तोरवा, देवरीखुर्द, महमंद, दोमुहानी, लिंगियाडीह, मोपका आदि क्षेत्रों के ग्रामीण व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। वहीं विषेश रूप से होली नर्सरी स्कूल राजकिषोर नगर एवं धनिया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के बच्चे अपने प्राचार्य के साथ प्रतिवर्श की भांति इस वर्श भी उपस्थित थे। नदी में समिति के द्वारा 20000 दीये दीप दान के रूप में प्रवाहित किये गये, जिसमें स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित गोबर के दीये प्रवाहित किये गये।