जिला कांग्रेस अध्यक्ष की पहल से परीक्षार्थी छात्र-छात्राओं को मिली राहत
बिलासपुर. जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी की पहल से अटल विश्वविद्यालय से संबद्ध परीक्षार्थी छात्र-छात्राओं को अब उत्तर पुस्तिकाएं लेने के लिए अपने-अपने कालेजों में आकर लंबी लाइनों मे लगने और धक्का-मुक्की खाने से मिली निजात। 16 सितंबर से शुरू होने वाली इन परीक्षाओं के लिए अटल विश्वविद्यालय ने उससे संबद्ध 180 कॉलेजों के परीक्षार्थी छात्र-छात्राओं के लिए यह फरमान जारी कर दिया था कि उन्हें परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र तो विश्वविद्यालय द्वारा मेल से ऑनलाइन भेज दिए जाएंगे। लेकिन परीक्षा के प्रश्न पत्रों का जवाब देने के लिए लगने वाली उत्तर पुस्तिकाएं, छात्र छात्राओं को अपने अपने कालेज में जाकर ही लेनी पड़ेगी।
विश्वविद्यालय के इस फरमान से आज शहर के सभी कॉलेजों में परीक्षार्थियों की लंबी-लंबी कतारें लग गई थी। इन कतारों के कारण भीड़भाड़ और धक्का-मुक्की से, विद्यार्थी परेशान भी हो रहे थे। काबिलेगौर है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनका शासन-प्रशासन कोरोना संक्रमण से प्रदेश के लोगों को बचाने के लिए अपनी पूरी ऊर्जा झोंक रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल लोगों को भीड़भाड़ से बचने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करने के लिए हर तरह से प्रेरित करने में लगातार लगे हुए हैं। ऐसे समय में अटल विश्वविद्यालय द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं को लेने के लिए विद्यार्थियों को उनके कालेजों तक जाने की अनिवार्यता, कोरोना संक्रमण के मद्देनजर खतरनाक ही कही जाएगी। यह बात ध्यान में आने पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने आज पहले शहर के विभिन्न कालेजों में उत्तर पुस्तिकाएं लेने के लिए पहुंचे परीक्षार्थियों से इस प्रक्रिया के कारण होने वाली परेशानियों के बारे में पूछ परख की। और उसके बाद उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति से भेंट कर इस व्यवस्था के खिलाफ अपना एतराज खुलकर प्रकट किया।
उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति से “साफ-साफ और दो टूक” कहा कि जब आप सभी 1लाख 25 हजारों छात्रों तक प्रश्न पत्र ऑनलाइन मेल से भेज सकते हैं। तो आप उत्तर पुस्तिका के प्रथम (कवर पेज जिसमें रोल नंबर लिखा रहता है) व द्वितीय पृष्ठ,सभी परीक्षार्थी छात्रों तक ऑनलाइन मेल से क्यों नहीं भेज सकते श्री केशरवानी, काफी देर तक बातचीत और चर्चा के बाद कुलपति को इस बात पर रजामंद करने में सफल हो गए कि, छात्रों को प्रश्न पत्र की तरह ही उत्तरपुस्तिका का प्रथम व द्वितीय पृष्ठ ऑनलाइन मेल कर दिया जाएगा। छात्र इसमें अपनी ओर से 32 पृष्ठ लगाकर उत्तर पुस्तिका बनाकर प्रश्न पत्र हल कर उसे वापस पीडीएफ फाइल बनाकर कॉलेजों को भेज सकते हैं। इस मामले में केवल ऐसे चंद परीक्षार्थियों को ही अपवाद स्वरूप उत्तर पुस्तिकाएं लेने,उनके कालेज तक जाना पड़ेगा,जिनके क्षेत्र में नेटवर्किंग का प्रॉब्लम है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के स्वायत्तशासी कॉलेजों में परीक्षा के दौरान ऐसी ही व्यवस्था पहले से की जाती रही है।कुलपति के द्वारा प्रश्न पत्रों की तरह उत्तर पुस्तिका का प्रथम पृष्ठ भी सभी परीक्षार्थी छात्र-छात्राओं को भेजने की बात स्वीकार कर लेने पर अब अटल यूनिवर्सिटी से संबंध्ध 180 कालेजों के लगभग 1लाख 25 हजार परीक्षार्थी छात्र-छात्राओं के सामने 16 सितंबर से शुरू हो रही परीक्षाओं के लिए उत्तर पुस्तिका लेने अपने-अपने कॉलेजों में जाने की मजबूरी समाप्त हो गई है। इससे कॉलेजों में जाकर उत्तर पुस्तिकाएं लेने की विवशता से उन्हें निजात मिल गई है। वहीं कोरोना संक्रमण के काल में सभी कालेजों में उत्तर पुस्तिकाएं लेने के लिए पहुंचने वाले सभी एक लाख पचीस हजार परीक्षार्थी भीड़ भाड़ के कारण कोरोना संक्रमण के संभावित खतरे से भी महफूज रह सकेंगे। इस बाबत कुलपति से चर्चा करने के दौरान विजय केशरवानी के साथ सुनील शुक्ला भी मौजूद थे।