डीजीसीए के इन्सपेक्षन पूरा होने के बाद 3सी लाइसेंस तुरंत जारी हो
बिलासपुर. अखण्ड धरना के 230 वें दिन संघर्ष समिति के सदस्य धरने पर बेैठे। धरने पर बैठे वक्ताओं ने बडे ही आक्रोश में कहा कि पद पर बैठे हुये आकाओं को शहर की जनता की इस जायज मांग से शायद कोई सरोकार नहीं है। शायद इसीलिए 230 दिवस धरने को पूरे होने आये पर अभी तक परिणाम नजर नहीं आ रहा है। समिति ने कहा कि अब केन्द्र सरकार गाहे बगाहे इस आंदोलन को कडा रूख अख्तियार करने पर मजबूर कर रही है और अगर केन्द्र सरकार का यही रवैया रहा तो बिलासपुर वासी उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।
सभा में बोलते हुए अशोक भण्डारी ने कहा कि यहां 230 दिवस से बिलासपुर व बिलासपुर के बाहर से बड़े-बड़े बुद्धिजीवी हवाई सेवा मांग के समर्थन में आकर धरने पर बैठ रहे है, रैली निकाल रहे है, घेराव कर रहे है लेकिन केन्द्र सरकार को शायद हवाई सेवा की मांग बेतुकी व बेमतलब लग रही है, इसलिए इस केन्द्र सरकार की ओर से कोई भी सकारात्मक कदम उठाया नहीं दिख रहा है। सभा में बोलते हुए समीर अहमद ने बड़े ही उग्र स्वर में कहा कि हर आंदोलन बलिदान मांगता है और केन्द्र सरकार के बेरूखी भरे आलम से ये तो यह शतप्रतिशत सही प्रतीत होती है लेकिन केन्द्र सरकार नहीं जानती कि शहरवासी अब इस मांग के लिए किसी भी हद तक जाने को लामबंद हो चुके है और अगर केन्द्र सरकार का यही रवैय्या रहा तो वे आगे आंदोलन को उग्र किया जायेगा।
समिति के ही मनोज श्रीवास और रंजीत सिंह खनूजा ने बोलते हुये कहा कि बिलासपुरवासी शहर के विकास के लिए एक जायज हवाई सुविधा की मांग को लेकर राघवेन्द्र सभा भवन बिलासपुर में धरने पर बैठ रहे है, परन्तु शायद बिलासपुर से दिल्ली तक इस मांग की आवाज जा नहीं पा रही है इसलिए केन्द्र की इस ऊंचा सुनने वाली केन्द्र सरकार को दिल्ली यात्रा कर दिल्ली में अपनी हवाई सेवा की मांग रखनी चाहिए। समिति के ही पंकज सिंह व रविन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि शिक्षा, रोजगार और व्यापार किसी भी शहर के विकास के मुख्य आधार स्तंभ होते है और इनमें तीव्रता लाने के लिए आवागमन के साधन का महत्वपूर्ण स्थान है। आज अगर बिलासपुर का राजधानी के समानान्तर विकास नहीं हो पा रहा है तो इसका एक प्रमुख कारण शहर को हवाई सुविधा से वंचित रखना है।
धरना आंदोलन में समिति की ओर से धरना आंदोलन में आगमन के क्रम से देवेन्द्र सिंह ठाकुर, बद्री यादव, पप्पू तिवारी, मनोज तिवारी, सुषांत शुक्ला, रामा बघेल, ब्रम्हदेव सिंह, नरेश यादव, केशव गोरख, पवन पाण्डेय, कमल सिंह ठाकुर, अभिशेक चौबे, यतीश गोयल, बबलू जार्ज, गोपाल दुबे, अकिल अली, सालिकराम पाण्डेय आदि शामिल थे।