तोरवा मुख्य मार्ग जलभराव का नहीं निकल सका कोई समाधान, निरीक्षण के बाद इंजीनियर ने किये हाथ खड़े


बिलासपुर. शनिवार को तोरवा क्षेत्र में जलभराव के बाद मिले आश्वासन से इतना हुआ कि रविवार को एसडीएम के साथ पी डब्लू डी विभाग के इंजीनियर मौके पर निरीक्षण के लिए पहुंचे ,लेकिन हालात का जायजा लेने पर उन्होंने अपने हाथ खड़े कर दिए। यहां पिछले दिनों सड़क और नाली निर्माण के बाद स्थिति विस्फोटक हो चुकी है। 5 फीट चौड़े नाले को छोटा करते हुए 3 फिट कर दिया गया है ,तो वही नालियों में सड़क का पानी पहुंचे ,ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है ,जिसके कारण बारिश के बाद सड़क के दोनों और कई कई फीट पानी जमा हो रहा है, जो लोगों के घरों में घुस रहा है ।

सड़क के बाद पेवर ब्लॉक लगाए गए हैं लेकिन पानी नालियों तक पहुंचे ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। वही अधिक जलभराव की स्थिति में छोटी नालियां उफनने लग रही है, जिस कारण यहां पावर हाउस चौक से लेकर गुरुनानक चौक तक स्थिति बेकाबू हो चुकी है। शनिवार को भी यहां जलभराव के बाद पहुंचे महापौर और नगर निगम सभापति के फोन कॉल को भी ना उठाने वाले अधिकारियों ने साफ दर्शा दिया है कि वे इस मामले को लेकर खास गंभीर नहीं है । वही इस मुद्दे पर आयुक्त ने भरोसा दिलाया था कि रविवार दोपहर तक निराकरण किया जाएगा। रविवार को अधिकारी मौके पर पहुंचे जरूर मगर समाधान कुछ ना निकल पाया। एसडीएम के साथ पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर निरीक्षण के बाद बिना कोई समाधान निकाले ही चलते बने। इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता अभय नारायण राय ने एक दिन पहले समाधान न निकलने पर उग्र आंदोलन और चक्का जाम की बात कही थी, लेकिन ऐसा भी कुछ रविवार को नहीं किया गया। माना जा रहा है कि पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा ड्राइंग डिजाइन में ही भारी चूक हुई है, जिस कारण से यह समस्या सामने आयी हैं । इसके सुधार के लिए बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ और नए सिरे से नालियों का निर्माण करना होगा जो कि फिलहाल लगभग असंभव लग रहा है।

इसलिए अब ऐसा लगने लगा है कि जब भी बारिश होगी यहां इसी तरह से जल भराव होगा और बारिश का पानी लोगों के घरों में घुसेगा। अधिकारी और प्रशासन आम जनता की नहीं सुन रहे। भीतर खाने से खबर है कि अगर यहां चक्का जाम की कोशिश की गई तो फिर ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की भी तैयारी है। यही कारण है कि स्थानीय नागरिक किसी बड़े आंदोलन से बचते दिख रहे हैं। कुल मिलाकर 24 घंटे के प्रयास से भी कोई समाधान निकल कर सामने नहीं आ पाया और स्थिति अब भी जस की तस है।

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