दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे ने विगत वर्ष 159 सेफ्टी सेमीनार आयोजित किये

बिलासपुर. दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे द्वारा लदान करने की एवं यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने की अपनी गौरवशाली परंपरा को बनाये रखने के लिए हमेशा से ही ट्रेनों की संरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते आई है | संरक्षा को शत प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए परिचालन विभाग, ईंजीनियरिंग विभाग, यांत्रिक विभाग, सिग्नल एवं दूर संचार विभाग एवं विद्युत विभाग, स्वयं संरक्षा विभाग, जैसे सभी विभाग नियम या बोर्ड द्वारा मिले निर्देशों अक्षरशः पालन करते हुए ट्रेनों का परिचालन करती है। इसी दौरान नई से नई तकनीक हमेशा इनोवेट होते रहती है, इन्ही अनुभवों से नियमों, नीतियो मे परिवर्तन भी होते रहते है। इन सभी नियमों, नीतियो, निर्देशो को फलीभूत करने के उद्देश्य से रेल्वे की कार्यशैली मे परिवर्तन लाकर कार्य किया जाता है | ड्राइवर, लोको पायलट, गार्ड, पोर्टर, पोइन्ट्स्मेन, एसएसई, पीडबल्यूआई, जैसे पदों पर काम करने वालों को काउंसिलिंग कर नियमो से अवगत काराई जाती है |
उक्त तमाम विषयों पर संरक्षा विभाग द्वारा सभी मंडलों में प्रति माह सेफ्टी सेमीनार आयोजित करती है। जिसमें प्रति माह अलग सम्बंधित विषय पर अलग अलग जगहो पर सभी कर्मचारिओ को एकत्रित कर उन्हे आपस मे वार्तालाप करने का मौका दिया जाता है, जिसमे गाड़ी परिचालन से संबंधित लोगो को आपस में सीधे बात करते हुए विचारों के आदान प्रदान किया जाता है एवं काम करने मे आने वाली दिक्कतों की चर्चा करते हुए कर्मी द्वारा खुल कर अपने विचार एवं सूझाव रखे जाते है। इस सम्बन्ध में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर, रायपुर एवं नागपुर मंडलों के विभिन्न स्टेशनों में 2018 से अब तक 159 सेफ्टी सेमीनार आयोजित किये गए। जिसमे हजारो की संख्या में रेल कर्मचारियो ने भाग लिया ।
संरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे द्वारा रात्री कालीन ट्रेनों का निरीक्षण एवं ट्रकों के पेट्रोलिंग भी की जाती है, हर रात्री मे दक्षिण पूर्वे मध्य रेल्वे के कार्य क्षेत्र से हो कर गुजरने वाली ट्रेनों में लोको पायलट के साथ ज़ोन मंडल के सीमा क्षेत्र तक अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाता है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत 2019 में लगभग 5913 बार रात्री कालीन निरीक्षण किये गए जिनमें अधिकारी स्तर एवं निरीक्षकों के आलावा विभिन्न विभागों के पर्यवेक्षकों के द्वारा भी निरीक्षण किये जाते है । इसके साथ ही संरक्षा के मद्देनज़र रनिंग रूम मे औचक निरीक्षण कर खाद्य सामग्री की क्वालिटी, बिस्तर, पानी, प्रकाश आदि सुविधाओं पर भी नज़र रखी जाती है ताकि आराम करने के बाद कर्मी ड्यूटी पर फ़्रेश हो कर जा सके | इस प्रकार किसी भी संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी सभी कदम उठाते हुए संरक्षा विभाग द्वारा ना सिर्फ प्रेरित की जाती है वरन अन्य विभागो को भी सरक्षा के मुद्दों पर सजग रहने का पाठ पढ़ाती है व सतत स्वयं सजग रहते हुये इससे जुड़े सभी विभागो को काम मे संलग्न किए रखती है ।