देसी घी और अंडे खाकर इस लड़के ने घटाया 40 Kg वजन, जानें पूरा वर्कआउट और डायट प्लान
जब इंजीनियरिंग स्टूडेंट और सोशल एक्टिविस्ट आकाश सिंह ने अपना वजन कम करके अपने शरीर को फिट और हेल्दी बनाने का फैसला किया, तो उनके लिए यह राह आसान नहीं थी। इसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी। आकाश यह नहीं जानते थे कि भयंकर वर्कआउट का दर्द उन्हें पूरी तरह फिट और सांचे में ढली हुई बॉडी पाने का रास्ता दिखाएगा।
आकाश ने डेढ़ साल सुपर स्ट्रिक्ट डाइट को फॉलो किया। हफ्ते में 6 दिन वर्कआउट कर उन्होंने अपना इतना वजन कम कर लिया कि उनके जानने वाले उन्हें आसानी से नहीं पहचान पाते। आज हम आकाश की वेट लॉस करके खुद को स्लिम और फिट बनाने की कहानी के बारे में जानेंगे।
- नामः आकाश सिंह
- व्यवसायः इंजीनियरिंग स्टूडेंट और सोशल एक्टिविस्ट
- उम्रः 23 साल
- लंबाईः 170 सेंटीमीटर
- अधिकतम वजन था : 111 किलो
- वजन कम कियाः 40 किलो
- वजन कम करने में लगने वाला समयः 19 महीने ( लगभग डेढ़ साल) जिंदगी में कब आया ये मोड़
- मेरा ब्रेकफास्ट: घी में बनाए गए पूरे 6 अंडों का ऑमलेट
- मेरा लंच: 4-5 रोटियां, हरी सब्जियां, 150 ग्राम दाल, चावल और सलाद।
- मेरा डिनर: दूध, दो रोटियां या देसी घी में बना परांठा, पनीर या अंडा भुर्जी। इसके साथ कभी-कभार इंडियन करी भी होती है।
- प्री-वर्कआउट मील: एक्सरसाइज करने से 20 मिनट पहले गुनगुने पानी में बनी एक कप कॉफी, करीब एक घंटा पहले 10 बादाम।
- पोस्ट-वर्कआउट मील: मेरे लिए खासतौर पर बनी प्रोटीन स्मूदी। जिसे बनाने में इस्तेमाल होते थे-1 सेब, 2 चुटकी इलायची पाउडर, 10-15 किशमिश, 10-15 बादाम, सूरजमुखी, कद्दू के बीज और चियासीड्स (सभी 1/2 टी-स्पून), 1/2 स्कूप पीनट बटर, 1/2 स्कूप अनफ्लेवर्ड व्हे प्रोटीन, 100 ग्राम मिक्स सोया फ्लेक्स, कॉर्न फ्लेक्स और ओट्स
- स्किम्ड मिल्क में बने 10 अंडों के सफेद हिस्से से बने शेक के साथ कॉर्न फ्लेक्स और ओट्स
- दही और आम के साथ अनफ्लेवर्ड व्हे प्रोटीन।
- नॉनस्टिक पैन में 4-5 बूंद ऑलिव ऑयल में धीमी आंच पर पकाया गया अंडे के सफेद हिस्से और ओट्स से बना ऑमलेट मेरे फिटनेस सीक्रेट्स

मैंनें अपनी कैलोरीज, प्रोटीन, माइक्रोज और मैकोज का हिसाब लगाना शुरू कर दिया। मैंने खाने में संयम, सुबह जल्दी उठना और बेहतर लाइफस्टाइल को फॉलो करना भी शुरू किया।
आपके लिए सबसे मुश्किलों भरा वक्त क्या था?
जब हादसे में मैंने खुद को जख्मी कर लिया और मेरे हाथों की उंगलियां सुन्न हो गयी थीं। उस समय मैं ना तो कुछ लिख पा रहा था, ना ही अपने फोन का इस्तेमाल कर पा रहा था। मेरी फैमिली इससे काफी डर गई थी और मुझे वर्कआउट से दूर रखने की कोशिश में थी।
कैसे रखते हैं खुद को मोटिवेटड

उन्होंने कहा कि वेटलॉस या कसी हुई बॉडी के लिए कोई शॉर्टकट नहीं हो सकते। आपको अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए सही माइंडसेट और डिसीप्लीन को फॉलो करना ही होगा।
आपके लिए सबसे मुश्किलों भरा वक्त क्या था?
इसके अलावा मेरी जिंदगी में और भी कुछ मुश्किलों भरे दौर थे, जिनकी वजह से मुझे स्ट्रेस का सामना करना पड़ा। कई बार लड़कियों ने मुझे रिजेक्ट कर दिया था और मैंने मेरी दादी मां को भी एक हादसे में खो दिया था। इन सारी बातों से मैं बहुत ज्यादा डीमोटिवेटेड था। सौभाग्य से मैंने मजबूत वापसी की, सही डाइट, एक्सरसाइज, आराम की अहमियत, स्वास्थ्य लाभ के बारे में पढ़कर ऐसी बॉडी को हासिल किया जैसी हमेशा चाहता था।
वेट लॉस से मिली सीख