नाबालिक को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी की जमानत निरस्त

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सागर. न्यायालय सुधांशु सक्सेना विशेष न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 रहली, जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी अनिल उर्फ अन्नू का जमानत आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से वरिष्ठ सहा. जिला अभियोजन अधिकारी आशीष त्रिपाठी, रहली जिला सागर ने शासन का पक्ष रखा।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है दिनांक 22.07.2020 को फरियादी व परिवार के अन्य सदस्य घर पर सो रहा थे सुवह देखा तो फरियादी की बेटी जो कि नाबालिक है, घर पर नही थी। आसपास तलास करने पर कुछ पता नही चला। उक्त घटना की रिपोर्ट दिनांक 23.07.2020 को फरियादी ने थाना गढाकोटा में दर्ज कराई। उक्त रिपोर्ट पर से थाना गढाकोटा में अंतर्गत धारा 363 भादवि में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

दिनांक 29.09.2020 को अभियोक्त्री को दस्तयाव किया गया तथा कथन लिये गये जिसमें अभियोक्त्री ने बताया कि आरोपी बहला-फुसला के शादी का झांसा देकर ले गया था और बार बार गलत काम किया। जिसके आधार पर प्रकरण में धारा 366, 376 भादवि एवं 5/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का इजाफा किया गया। आरोपी को गिरिफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। आरोपी के अधिवक्ता ने न्यायालय में जमानत आवदेन प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी अनिल उर्फ अन्नू का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 439 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।

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