नाशपाती के विक्रय के लिए महिला समूह को मिला मौका

बलरामपुर/धीरेन्द्र कुमार द्विवेदी. विकासखण्ड कुसमी के नटवरनगर स्थित शासकीय उद्यान में नाशपाती की अच्छी पैदावार हुई है। उद्यानिकी विभाग द्वारा नाशपाती के विक्रय हेतु स्व सहायता समूहों के महिलाओं के बीच नीलामी की गई। महिला समूहों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए प्रशासन ने अनुकरणीय पहल की है। नीलामी के पश्चात् नटवरनगर उद्यान के नाशपातीयों के बिक्री की जिम्मेदारी लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह को मिली है। उत्तरी छत्तीसगढ़ के पाट प्रदेशों की जलवायु शेष छत्तीसगढ़ की तुलना में ठण्डी है। पाट प्रदेशों की भौगोलिक स्थिति तथा ठण्डी जलवायु के कारण यहां बड़ी मात्रा में नाशपाती की खेती की जाती है। उद्यानिकी विभाग किसानों को पिछले कई वर्षों से ठण्डे प्रदेशों में होने वाले फलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। नटवरनगर स्थित उद्यान में नाशपाती के 328 पौधे हैं, जिनमें फल लगे हुये हैं। लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष राधिका पैकरा ने बताया कि उद्यानिकी विभाग से नीलामी के संबंध में जब जानकारी मिली, तब हमें लगा कि प्रशासन ने महिलाओं को अच्छा अवसर प्रदान किया है।

नीलामी में 05 समूहों ने भाग लिया था तथा नीलामी में हमारे समूह को ही नटवरनगर उद्यान के नाशपाती के विक्रय का मौका मिला है। नटवरनगर शासकीय उद्यान की नाशपाती 60 हजार 550 रूपये की राशि में नीलाम की गई है। उद्यान विभाग द्वारा महिलाओं को लाभ पहुंचाने तथा उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से नाशपातियों को केवल लागत मूल्य पर ही नीलाम किया गया। उन्होंने बताया राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं उद्यानिकी विभाग के संयुक्त प्रयास से यह संभव हो पाया है। राधिका आगे बताती हैं कि नाशपाती का रख-रखाव अब हमारी जिम्मेदारी है, जब नाशपाती तैयार हो जाएगी तो उसकी पैकेजिंग, ग्रेडिंग, लेवलिंग और मार्केटिंग के लिए एन.आर.एल.एम. का सहयोग प्राप्त होगा। सहायक संचालक उद्यान  पतराम सिंह ने बताया कि प्रशासन महिला स्व सहायता समूहों को आजीविका मूलक कार्यों से जोड़ने तथा उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए प्रयासरत् है। उद्यान विभाग द्वारा भी ऐसे कार्यों में महिला समूहों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। नाशपाती के विक्रय से महिलाओं को लागत की लगभग दुगुनी आय प्राप्त होगी। साथ ही सामरी क्षेत्र में व्यक्तिगत् रूप से नाशपाती की खेती कर रहे कृषकों से भी महिला समूह नाशपाती का क्रय कर आगे बाजार में विक्रय करेंगी। विभाग महिलाओं और किसानों के बीच सम्पर्क स्थापित करवाकर इस दिशा में कार्य कर रहा है। किसानों को भी नाशपाती का उचित दाम प्राप्त होगा तथा बिचैलियों की भूमिका समाप्त हो जाएगी।

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