नेबुलाइजर के जरिए भी संभव हो कोरोना का इलाज, ट्रायल में सामने आए नतीजों से उत्साहित हैं वैज्ञानिक
अभी तक मिले सकारात्मक परिणामों के आधार पर एक ताजा परीक्षण में यह बात साबित हुई है कि कोरोना के इलाज के लिए ऐसी दवाई भी विकसित की जा सकती है, जिसे नेबुलाइजर के जरिए सीधे फेफड़ों में पहुंचाया जा सके। क्योंकि परीक्षण के दौरान जिन 101 लोगों पर जांच की गई उनके रिजल्ट उम्मीद जगानेवाले हैं…
कोई शक और सवाल नहीं कि कोविड-19 बहुत घातक बीमारी है। लेकिन जिस तरह से पूरी दुनिया इस बीमारी के इलाज खोजने में लगी है, उससे यह बात तो साफ होती जा रही है कि जल्दी ही इस बीमारी से बचने के लिए दवाई, वैक्सीन और यहां तक कि इनहेलर या नेबुलाइजर भी उपलब्ध हो जाएं। इस दिशा में ब्रिटेन की एक कंपनी ने 101 मरीजों पर परीक्षण करके सकारात्मक रिजल्ट पाए हैं और कोरोना से जंग जीतने की एक नई उम्मीद जगा दी है…
जानकारी के अनुसार, ब्रिटेन की फार्मा कंपनी सिनेरगन (Synairgen)ने कोरोना के इलाज के लिए अपने ताजा परीक्षण में सांस के जरिए दी जानेवाली दवाई के प्रभाव की जांच की। इस ट्रायल में सामने आया कि नेबुलाइजर के जरिए सीधे फेफड़ों में पहुंचाई जानेवाली यह दवाई वायरस को तेजी से कमजोर करने का काम करती है।
क्या खूबियां हैं दवाई में?
-जो दवाई कोरोना वायरस को सीधे फेफड़ों में जाकर कमजोर कर रही है, उसका नाम और गुण जानने की इच्छा होना स्वभाविक है। तो जान लीजिए कि इस दवाई का नाम है SNG001 और इस दवाई को बहुत अधिक प्रभावी बनाता है, इसे तैयार करने में उपयोग किया गया खास तरह का प्रोटीन।
-नेबुलाइजर की सहायता से दी जानेवाली SNG001 दवाई में जिस प्रोटीन का उपयोग किया गया है, यह वही प्रोटीन है, जिसका उत्पादन हमारा शरीर वायरस को मारने के लिए करता है। यदि नेबुलाइजर के जरिए भी यह प्रोटीन भी हमारे शरीर में जाएगा तो वायरस पर तीव्र प्रहार होगा और वह जल्दी खत्म हो जाएगा।
-कोरोना किलर इस प्रोटीन का नाम
इंटरफेरॉन बीटा (Interferon Beta) है। नेबुलाइजर के जरिए सीधे फेफड़ों (Lungs) में प्रवेश कर यह प्रोटीन हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को बढ़ाने का काम करता है। इस बात की पुष्टि सिनेरगन फार्मा कंपनी के ताजा परीक्षण में हुई है।
जाग गई है नई उम्मीद
-नेबुलाइजर के जरिए सीधे फेफड़ों में पहुंचकर कोरोना का असर कम करने की दवा के बारे में जानकर हेल्थ एक्सपर्ट्स और मेडिकल फील्ड से जुड़े लोगों को एक नई उम्मीद जगी है। यदि सभी परीक्षण और आगे की प्रक्रिया योजनाओं के आधार पर प्रारूप लेती है, तो यह संभव है कि जल्द ही हम ऐसी दवा बना पाएं जो नेबुलाइजर के जरिए कोरोना के इलाज में सहायता कर सके।