September 15, 2020
नौ वर्षीय बालिका का यौन शोषण करने वाले सगे फूफा को तिहरा आजीवन कारावास एवं पड़ोसी को हुई बीस वर्ष की सजा
भोपाल. न्यायालय द्वारा प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को छात्रों में जागरूकता फैलाने के लिये भेजी गयी है निर्णय की प्रति
विशेष न्यायालय (पाक्सो) श्रीमती कुमुदनी पटेल के न्यायालय द्वारा नाबालिंग बालिका के साथ यौन शोषण करने वाले फूफा कौशल शर्मा एवं पडोसी राहुल कुमार को क्रमश: तिहरा आजीवन कारावास एवं दो हजार रूपये के अर्थदंड तथा बीस वर्ष का कारावास एवं दो हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया तथा एक अन्य अवयस्क आरोपी का मामला जुवेनाईल कोर्ट में विचाराधीन है। शासन की ओर से पैरवी करते हुये विशेष लोक अभियोजक टी.पी. गौतम एवं राज्य समंवयक (महिला अपराधों संबंधी) श्रीमती मनीषा पटेल द्वारा माननीय विशेष न्यायालय में यह तर्क प्रस्तुत किये गये कि वर्तमान सरकार बच्चों एवं महिलाओं के विरूद्ध हो रहे अपराधों के प्रति काफी सख्त है। आरोपीगणों द्वारा एक नौ वर्षीय बालिका के साथ लगातार एक वर्ष तक शारीरिक शोषण कर घिनौना अपराध किया गया है तथा आरोपी फूफा कौशल शर्मा जो बच्ची का संरक्षक भी था रिश्ते का तारताड करते हुये ऐसी घटना को अंजाम दिया है जो सभ्य समाज में कतई स्वीकार नही है। उसे कठोर दंड से दंडित किया जाना उचित होगा।
न्यायालय ने प्रकरण में 19 वर्षीय अभियुक्त राहुल कुमार जो प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज का अंतिम वर्ष का छात्र था, को 20 वर्ष की सजा सुनाते हुए लिखा है कि इस प्रकरण के निर्णय और प्रकरण का देश की भावी पीढी को भी संज्ञान लेना चाहिए ताकि पुन: ऐसी घटनाए न घटे। निर्णय की प्रतिलिपि प्रमुख सचिव- स्कूल शिक्षा विभाग, प्रमुख सचिव-उच्च शिक्षा विभाग, प्रमुख सचिव-तकनीकी व कौशल विभाग को इस निर्देश के साथ भेजी जावे कि छात्रों को अवगत करावे कि बलात्कार की परिभाषा में संशोधन कर कठोर दंडादेश का प्रावधान किये गये है जो कि उनके पूरे जीवन को प्रभावित कर नष्ट कर सकती है।
संचालक लोक अभियोजन म.प्र. श्रीमान् पुरूषोत्तम शर्मा द्वारा उक्त जघन्य एवं सनसनीखेज मामले में तिहरा आजीवन कारावास होने पर प्रशंसा व्यक्त करते हुये विशेष लोक अभियोजन टी.पी. गौतम एवं श्रीमती पटेल का बधाई दी तथा साथ ही कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार बालकों एवं महिलाओ के विरूद्ध मामलों में काफी सख्त है। इसी परिप्रेक्ष्य में मेरे द्वारा पाक्सो एक्ट के मामले में श्रीमती सीमा शर्मा को राज्य समन्वयक तथा सभी जिलों में एक-एक जिला समन्वयक नियुक्त किया है। पाक्सो एक्ट और जघन्य सनसनीखेज मामलों की सीधी निगरानी संचालनालय से निरंतर होती रहती है।ऐसे आरोपियों के जेल के पीछे धकलने में हमारा विभाग ओर हमारे अधिकारी कोई कसर नही छोंडेगे। जिसकी परिणति आज देखने को भी मिली है। उक्त प्रकरण में 19 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र को बलात्कार के नवीन परिभाषा में आने वाला अपराध किये जाने के कारण न्यनतम बीस वर्ष की सजा न्यायालय द्वारा सुनाई गई है। वर्तमान में बलात्कार की परिभाषा में संशेाधन हुए है, और कठोर दंड का भी प्रावधान किया गया है, उक्त प्रावधानों को देखते हुए हम भी शिक्षा विभाग को पत्र लिखेगें कि वह विद्यार्थियों को ऐसे अपराधों के प्रति जागरूक करे क्योंकि जिससे छात्र ऐसे अपराधों में पडकर अपने भविष्य को अंधकार मय न बनाये।
राज्य समंवयक श्रीमती पटेल द्वारा बताया गया कि चाईल्ड लाइन को दिनांक 22.05.18 को टोल फ्री नं 1098 अपराध की सूचना हुई थी साकेत नगर में एक बच्ची के साथ उसके फूफा और पडोस में रहने वाले दो लडको द्वारा गलत काम किया जा रहा है। तब चाइल्ड लाइन में कार्य करने वाली मधु बौद्ध थाना बागसेवनिया आकर पुलिस वालों के साथ बच्ची के घर पहुंची जहां पूछताछ पर अभियौक्त्री ने बताया कि उसके माता पिता की मृत्यु के पश्चात वह अपने सगे फूफा कौशल शर्मा के यहां रहने आई थी। जब वह नौ साल की थी तब एक दिन उसका फूफा कौशल शर्मा उसके पास आया और उसका मुंह दबाकर उसके सारे कपडे उतारकर सूसू की जगह में उगली करने लगा जिससे उसे दर्द हुआ लेकिन उसके बाद भी उसका फूफा गलत काम करता रहा और तब से लगातार वह गलत काम अभियौक्त्री के साथ करता रहा। इसी बीच एक दिन जब फूफा गलत काम कर रहा था तब पडोस का रहने वाला राहुल कुमार ने देख लिया और वह भी अभियौक्त्री को अपने कमरे में ले जाकर उसके सूसू वाली जगह में गलत काम करने लगा।
राहुल ने धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो जान से मार दूंगा।जब अभियौक्त्री ने उक्त घटना की बात पडोस में रहने वाली एक अवयस्क भाईया को घटना बताई तो उसने भी उसके साथ गलत काम किया। अन्तत: उसने पडोस की श्रेया दीदी को पूरी घटना बताई । जिन्होंने चाइल्ड हेल्प लाईन में फोन किया था उक्त सूचना पर थाना बागसेवनिया ने आरोपी फूफा कौशल शर्मा एवं राहुल के विरूद्ध भादवि की धारा 376-कख, 376(ग)(3), 376(एन) एवं धारा 5एल,एन/धारा 6 पाक्सो एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। इसी बीच जिलादंडाधिकारी भोपाल द्वारा उक्त अपराध को जघन्य एवं सनसनीखेज अपराध की श्रेणी में घोषित किया था तथा विचारण उपरांत आरोपीगणों को डीएनए कराया गया जिसमें आरोपी फूफा का डीएनए अभियौक्त्री के कपडो में से मैच हुआ था। अभियोग पत्र विशेष न्यायालय(पाक्सो) में पेश किया गया था। एक अन्य आरोपी के अवयस्क होने के कारण उसके विरूद्ध मामला पंजीबद्ध कर जुवेनाइल कोर्ट में प्रस्तुतु किया गया।