पं. सुन्दरलाल शर्मा की 139वीं जयन्ती मनाई गई

बिलासपुर. पंडित सुन्दर लाल शर्मा विश्वविद्यालय में पं. सुन्दर लाल शर्मा की 139वीं जयन्ती मनाई गई। इस अवसर पर कुलपति प्रो. बंश गोपाल सिंह ने कहा कि पं. शर्मा व्यक्तिव और कर्म में एकरुपता के कारण ही महापुरुष बने। व्यक्ति को अन्दर और बाहर से समान होना चाहिए, यह सत्य का मार्ग है। इससे व्यक्ति समाज को मजबूत बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह उस व्यक्ति द्वारा समाज के प्रति सोचे जाने वाले सत कर्मों का ही भाग है, सुन्दर लाल में यह गुण थे। जो आज भी हमें समाज के प्रति अच्छे कार्य करने को प्रेरित करते हैं। हमें उनके द्वारा किए गए कार्य को न सिर्फ याद करना है बल्कि अपने जीवन में उतारना भी चाहिए। हमें यह और भी सोचना चाहिए कि हम उस महान विभूति के नाम से स्थापित विश्वविद्यालय के अभिन्न अंग है जो उनके नाम से स्थापित किया गया है। इसलिए हमारा दायित्व और भी बड़ा है। यह कि हम उनके द्वारा किए गए कार्यों को ध्यान में रख इस संस्था को और अधिक बेहतर व विश्वस्तरीय बनाएं।इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. इन्दु अनंत ने कहा कि पं. सुन्दर लाल शर्मा ने जो कार्य अंग्रेजी सरकर के होते हुए किया वह प्रेरणा देने और आज हमें गर्व देने वाले हैं। उन्होंने उन दिनों जाति-पात, छुआ-छूत, उंच-नीच की एक बड़ी रेखा को दरकिनार कर मानव सेवा को अपना लक्ष्य मानकर कार्य किया। यह कोई महामानव ही कर सकता था। उन्होंने कहा मुझे याद है कि दिसम्बर में ही गुरुघासीदास का भी जन्म हुआ वे भी एक बड़े समाज सुधारकों में से एक थे।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे। इस अवसर पर सर्वप्रथम पं. सुन्दर लाल शर्मा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. जयपाल सिंह प्रजापति द्वारा किया गया। इस अवसर पर काव्यपाठ, गीत प्रस्तुति, मौलिक चिन्तन भी व्यक्त किए गए।

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