पर्यावरण की बेहतरी के लिये दपूम रेलवे ने नर्सरी विकसित की

बिलासपुर. भारतीय रेल्वे द्रारा पर्यावरण संतुलन हेतु रेल्वे भूमि तथा पटरियों के किनारे सभी जमीनो पर विभिन्न जोनल रेल्वे में नर्सरिया स्थापित की जा रही है । इसी क्रम में द्पूम रेल्वे द्वारा लगभग 45 हजार वर्ग फुट जगह में तीनों मंडलो बिलासपुर, रायपुर, नागपुर में 11 जगहो पर नर्सरी विकसित किया गया है । जबकि रेलवे बोर्ड द्वारा 8 नर्सरी विकसित कर पौधारोपण का कार्य करने हेतु निर्देश प्रापत हुआ था ।  इन विकसित की गयी नर्सरियों  का विवरण इस प्रकार है –
• बिलासपुर मंडल में 3 नर्सरी विकसित की गयी– सूरजपुर में 433 वर्ग मीटर के क्षेत्र में, सिंगपुर / शहडोल में 208 वर्ग मीटर के क्षेत्र में  एवं रायगढ़ में 202 वर्ग मीटर के क्षेत्र में । 
• रायपुर मंडल में 3 नर्सरी विकसित की गयी – RVH कालोनी  में 750 वर्ग मीटर के क्षेत्र में, RVH केबिन में 623 वर्ग मीटर के क्षेत्र में, एवं देव बलौदा चरोदा  BMY  में 400 वर्ग मीटर के क्षेत्र में,
• इसी प्रकार नागपुर मंडल में 5 नर्सरी विकसित की गयी – नागभीड़ यार्ड में स्टेशन के पास  750 वर्ग मीटर के क्षेत्र में, छिंदवाडा विश्रामगृह के पास 216 वर्ग मीटर के क्षेत्र में, नैनपुर ले प्लेटफार्म के पास  560 वर्ग मीटर के क्षेत्र में डोंगरगढ़ के सुखानाला फाटक के पास 210 वर्ग मीटर के क्षेत्र में  एवं  कल्मना स्टेशन में पैनल रूम के उत्तर की और एक नर्सरी 1500 वर्ग मीटर की विकसित की गयी जिसमें सैकड़ों फलदार वृक्षों,फूल के एवं छ्या दर वृक्षों की नर्सरी विकसित की गयी ताकि इन  नर्सरी में विकसित किये गये पौधों को रेलवे के खाली पड़े जमीन में  कालोनियों के रास्तों के किनारे, बगीचों व् गार्डन में  तथा ट्रैक के किनारे सीधे रोपित किये जासकेंगे ।
     इस प्रकार की नर्सरी विकसित कर लेने  से पौधा रोपण के लिए पौधा तैयार करने एवं खरीदने का    रेवेन्यु में काफी बचत होगी एवं समय भी कम लगेगा । पौधों की उचित देखभाल हेतु पूरी व्यवस्था की गई है । पौधों की उपलब्धता हेतु अन्य एजेंसी या प्रायवेट नर्सरी पर कोई निर्भता नहीं होगी । रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार रेलवे लाईन के बगल में विकसित किये गये नर्सरी आने वाले समय में  निश्चित ही अत्यंत उपयोगी साबित होगी । प्रत्येक रेलवे कर्मचारी को रेलवे नर्सरी से विकसित किये गये पौधों का वितरण मुफ्त में रोपण हेतु दिया  जाएगा ताकि वे अपने आस-पास के जगहों में वृक्षारोपण के प्रति जागरूप हो सकें । इससे न केवल पर्यावरण के प्रति लोगों में चेतना जागृत होगी और वातावरण भी प्रदूषण रहित होगा ।           
विकसित किये गए इन नर्सरी में पौधों के प्रमुख इस प्रकार है –
1. फलदार पौधे : आम, जामुन, सीताफल, अनार, चीकू, बादाम, अमरूद, ऑंवला, कटहल आदि ।
2. फूलदार एवं छायादार,  पत्तेदार पौधे : मोगरा, गुलाब, जरबेरा, रजनीगंधा, कोलियस,     एकलीफा, जिनिया, सेवन्ती, टिकोमा, डहलिया, कनेर, अमलताश, कचनार आदि |
3. एवेन्यू प्लांट – शीशम, सागौन, नीम, कदम, करंज, अर्जुन आदि के पौधे |
4. सड़क किनारे लगाने हेतु पौधे – तबोबिया , रोजिया, गुलमोहर, पेल्टाफार्म, बहुनिया, अमलताश,
इन पौधों  के अलावे विभिन्न प्रकार के सिजनल फ्लावर, मेडिसिनल प्लांट भी इन नर्सरी में रखा गया है ।

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