प्रशासन का आदेश : इस वर्ष घरों में होगी छठ मईया की पूजा-अर्चना, नहीं होगा सार्वजनिक आयोजन


बिलासपुर. छठ पर्व को लेकर शासन की आई नई गाइड लाइन पर जिला प्रशासन ने अतिरिक्त कलेक्टर की अध्यक्षता में बैठक हुई। उक्त बैठक में पुलिस विभाग से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कश्यप शहर, नगर निगम बिलासपुर के उपायुक्त राकेश जायसवाल, सिटी मजिस्ट्रेट अंशिका पाण्डेय, मोनिका वर्मा, अवधराम टंडन तथा होमगार्ड के कमांडेट उपस्थित थे। छठ पूजा आयोजन समिति के अभय नारायण राय, विजय ओझा, आरपी सिंह, लव ओझा, डॉ. धर्मेन्द्र दास, रामप्रताप सिंह, मुन्ना सिंह, पंकज सिंह, प्रशांत सिंह भी बैठक में उपस्थित हुए। समाज के पदाधिकारियों ने आयोजन को लेकर असमर्थता जाहिर की है।


छठ पूजा आयोजन समिति ने कहा कि कोविड-19 महामारी एवं छत्तीसगढ़ शासन के गाइड लाइन को ध्यान में रखते हुए छठ व्रतियों से अपील की हैं कि अपने घरों में ही पूजा-अर्चना करें। समिति ने यह भी कहा कि छठ पूजा होगी, लेकिन सावर्जनिक रूप से कोई आयोजन इस वर्ष नहीं किया जा रहा है। प्रशासन व छठ पूजा आयोजन समिति छठ पूजा को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद रहेगा। मालूम हो कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग भारी संख्या में छत्तीसगढ़ में निवासरत् है। छठ पूजा को लेकर शासन व छठ पूजा आयोजन समिति द्वारा हर वर्ष तोरवा स्थित छठ घाट में विशेष व्यवस्था की जाती थी। इस वर्ष महामारी के दौर में प्रशासन ने नया गाइड लाइन जारी किया है।


21 को सूर्य को दिया जाएंगा अर्ध्य
18 नवंबर को नहाए खाए के साथ छठव्रति अपना उपवास प्रारंभ करेंगे। 19 नवंबर को खरना और 20 नवंबर को संध्या अर्ध्य के साथ 21 नवंबर को सुबह सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा। इस अवसर पर भारी भीड़ उमड़ती है। यह पर्व उत्तर प्रदेश और बिहार का सबसे बड़ा पर्व के रूप में मनाया जाता है।

मुख्यमंत्री ने की थी अवकाश की घोषणा
राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले वर्ष छठ पूजा आयोजन समिति समारोह में हिस्सा लिया था। इस दौरान उन्होंने छठ पर्व पर अवकाश की घोषणा की थी। मालूम हो कि बिहार के बाद छत्तीसगढ राज्य देश का दूसरा राज्य जहां पर छठ पूजा के दौरान सावर्जनिक अवकाश दिया जाता है।

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