फेसबुक के निशाने पर नेटफ्लिक्स, ‘The Social Dilemma’ पर लगाया ये आरोप
नई दिल्ली. जहां बहुत से लोगों ने नेटफ्लिक्स की नई डॉक्यूमेंट्री ‘द सोशल डिलेमा’ को पसंद किया, वहीं फेसबुक ने इसकी अलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि इसमें कंटेट को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. वहीं सभी चीजों को सनसनीखेज तरीके से दिखाया गया है. डॉक्युमेंट्री में दिखाया गया है कि आखिर किस तरह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूजर्स को सिर्फ एक प्रोडक्ट मानते हैं वहीं यूजर्स सिर्फ गलत जानकारी फैलाते हैं.
सोशल मीडिया का खेल समझना जरूरी
फेसबुक ने डॉक्युमेंट्री की आलोचना करते हुए कहा कि यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को तोड़-मरोड़ कर पेश करती है और यह जटिल सामाजिक समस्याओं के प्रति सहज रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बलि का बकरा बना रही है? ‘द सोशल डिलेमा’ ने लोगों पर सोशल नेटवर्किंग के खतरनाक प्रभाव को दिखाकर सबका ध्यान आकर्षित किया है, जबकि तकनीकी विशेषज्ञों ने अपनी ही क्रिएशन को लेकर आगाह किया था.
कार्यशैली पर साधा गया निशाना
वहीं कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘यह मॉडल छोटे व्यवसायों और उद्यमियों को नए ग्राहकों को खोजने और बड़े ब्रांड के साथ प्रतिस्पर्धा करने देता है. लेकिन जब बिजनेस करने वाले फेसबुक पर विज्ञापन खरीदते हैं, तब भी वे नहीं जानते कि आप कौन हैं.
पिछले महीने रिलीज हुई डॉक्यूमेंट्री
जेफ ओर्लोव्स्की की डॉक्यूमेंट्री पिछले महीने नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी, जिसमें संदेश दिया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म गैर-कानूनी रूप से अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर रहे हैं, समाज को गलत जानकारी के साथ बांट रहे हैं.
फेसबुक ने खुद को बताया पाक-साफ
फेसबुक ने कहा कि उसके पास ऐसी नीतियां हैं जो बिजनेस को लोगों के बारे में संवेदनशील डेटा भेजने से रोकती हैं, जिसमें यूजर्स की स्वास्थ्य जानकारी या सोशल सिक्योरिटी नंबर भी शामिल हैं.
क्या है ‘The Social Dilemma’ की थीम ?
नेटफ्लिक्स द्वारा अभी इस पर टिप्पणी की जानी बाकी है. लेकिन ये भी सच है कि अगर आपको कभी ये महसूस हो कि किसी घटना विशेष को लेकर आप जो प्रतिक्रिया दे रहे हैं, उसके लिए आपको तकनीक मजबूर कर रही है या फिर ऐसा करवाया जा रहा है तो इस तथ्य को स्वीकारना आसान नहीं होगा. वहीं अगर दावों में सच्चाई है तो फेसबुक के फिल्म को निशाने पर लेने के बाद इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बीच कंटेक्ट को लेकर आलोचना की लड़ाई तेज हो सकती है.