फ्रांस ने भारत को एशिया में ‘अग्रणी’ सामरिक साझेदार बताया
नई दिल्ली. फ्रांस (France) ने बुधवार को भारत को एशिया (Asia) में अपना ‘अग्रणी’ सामरिक साझेदारी करार दिया और कहा कि उनकी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले (Florence Parly) की आसन्न यात्रा का मकसद भारत के साथ ‘दूरगामी’ प्रभाव वाले रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाना है.
पार्ले बृहस्पतिवार को भारत आ रही हैं जहां वह अंबाला में एक समारोह में हिस्सा लेंगी जिसमें पांच राफेल विमान के पहले दस्ते को भारतीय वायु सेना में शामिल किया जायेगा. फ्रांस की रक्षा मंत्री अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के साथ वार्ता भी करेंगी.
अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर
फ्रांस से पांच राफेल विमानों की पहली खेप 29 जुलाई को भारत पहुंची थी. इस उद्देश्य के लिये करीब चार वर्ष पहले फ्रांस के साथ 36 विमानों की खरीद के लिये भारत ने फ्रांस के साथ अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किये थे जिसकी कुल लागत 59 हजार करोड़ रूपये थी. फ्रांस के दूतावास के बयान के अनुसार, इस बातचीत का जोर हिन्द प्रशांत क्षेत्र में नौवहन सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और सम्पूर्ण द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत बनाने पर होगा.
दूतावास ने कहा, ‘इनके बीच विविध विषयों पर चर्चा होगी जिसमें औद्योगिक एवं प्रौद्योगिकी गठजोड़ शामिल है जो मेक इन इंडिया कार्य्रक्रम के अनुरूप होगा. इसके साथ परिचालनात्मक रक्षा सहयोग खास तौर पर हिन्द प्रशांत में नौवहन सुरक्षा, कोविड-19 की पृष्ठभूमि में सशस्त्र बलों के संयुक्त अभ्सास को लेकर रूपरेखा बनाने तथा महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं अंतररष्ट्रीय सामरिक मुद्दों पर भी चर्चा होगी .’ इसमें कहा गया है कि दोनों पक्ष फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच भारत फ्रांस साझेदारी को सामरिक स्वायत्ता के साथ और गहरा बनाने एवं विस्तार देने तथा बहुध्रुवीय व्यवस्था से जुड़े फैसले को आगे ले जाने के बारे में चर्चा करेंगे.
पार्ले की यह भारत की तीसरी यात्रा
दूतावास के अनुसार, वर्ष 2017 के बाद से पार्ले की यह भारत की तीसरी यात्रा है और कोरोना वायरस फैसने के बाद पहली आधिकारिक यात्रा में शामिल है. फ्रांस की रक्षा मंत्री के साथ देसॉ एविएशन, थेल्स ग्रूप, साफ्रान और एमबीडीए अधिकारी भी आयेंगे जो फ्रांस की अग्रणी रक्षा कंपनियों का प्रतिनिधित्व करते हैं और राफेल सौदे के तहत कई भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी कर रहे हैं.
वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि
राफेल विमान का निर्माण देसॉ एविएशन ने किया है और इसे बृहस्पतिवार को राजनाथ सिंह, पार्ले और शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में अंबाला वायु सेना अड्डे पर एक समारोह में भारतीय वायु सेना में शामिल किया जायेगा. फ्रांस की रक्षा मंत्री अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में राष्ट्रीय समर स्मारक में भारत के वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी.
भारत फ्रांस सामरिक साझेदारी
गौरतलब है कि भारत और फ्रांस के बीच पिछले कुछ वर्षो के दौरान कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग में काफी विस्तार हुआ है. रक्षा एवं सुरक्षा, असैन्य परमाणु सहयोग, कारोबार एवं निवेश भारत फ्रांस सामरिक साझेदारी के आधार हैं. भारत और फ्रांस ने हिन्द महासागर क्षेत्र, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और वृद्धि जैसे नये क्षेत्रों में भी सहयोग किया है.