बस्तर के नगरनार संयंत्र को सरकार खरीदने पर स्थानीय बेरोजगारों को होगा फायदा : मोहन मरकाम’
रायपुर. विधानसभा सदन में आज बस्तर के नगरनार संयंत्र के विनिवेशीकरण को रोकने के लिए शासकीय संकल्प का समर्थन करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि – वर्ष 2001 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शासन काल में नगरनार इस्पात संयंत्र की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण के एवज मे पुनर्वास पैकेज के तहत् एक खाते से एक व्यक्ति को एनएमडीसी परियोजना में नौकरी दिए जाने का प्रावधान किया गया था, जिसके तहत् वर्ष 2001 में कुल 303 खाते मे से 293 नामित सदस्यों को एनएमडीसी में नौकरी प्रदाय किया गया है, शेष 10 नामितियों को निम्न कारणों से नौकरी नहीं दिया जा सका । इसके पश्चात् वर्ष 2010 में भारतीय जनता पाटी के शासन काल में भूमि अधिग्रहण के एवज में कुल 1052 कृषकों की भूमि अधिग्रहित की गई, जिसमें कुल 852 नामांकन फार्म प्राप्त हुए ।
इनमें से पात्र 624 लोगों को वर्तमान में सस्टेन्स अलाउन्स दिया जा रहा है न की नौकरी दी गई । एस्टेन्स एलाउन्स के नाम पर आठवी से कम – 7080 रूपये, आठवी से बारहवी – 11000 रूपये, स्नातक या अधिक- 12000 रूपये दिए जा रहा है जो भुमिहीन कृषकों के साथ अन्याय किया गया । और इन परिस्थितियों में भारत सरकार के उपक्रम एनएमडीसी के द्वारा स्थापनाधीन नगरनार इस्पात संयंत्र को केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित निजीकरण की प्रक्रिया अपना रही है । बस्तर की जनता, बस्तर की युवाओं का सपना था बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट बनेगा बस्तरवासियों को विकास होगा और आज जब केन्द्र की मोदी सरकार इस इस्पात संयत्र को अपने चहते लोगों के हाथ में देने की तैयारी कर ली है, इससे वह सपना धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है बस्तर अनुसूचित क्षेत्र है, यहां पांचवी अनुसूची लागू है, उसके बाद भी केंद्र सरकार की जो निजीकरण करने का प्रयास किया गया है । उसका मैं विरोध करता हॅूं ।
केन्द्र की भाजपा सरकार हमेशा यही पूछा करता हैं कि कांग्रेस पार्टी ने 60 साल में क्या किया ? मैं बताना चाहता हॅूं कि हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांधी, श्री राजीव गांधी जी देश में ऐसे उपक्रम बनाएं जो आज नवरत्न कंपनियों में शुमार है । चाहे वह एनएमडीसी प्लाण्ट हो, भिलाई स्टील प्लांट हो, भारत पैट्रोलियम हो, एलआईसी जो प्रॉफिट देने वाली कंपनियां हैं । उन सभी भारतीय जनता पार्टी के मुख्यि मोदी की सरकार की नजर पड़ी हुई है ।
अंत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के माध्यम से बस्तरवासियों के सपनों को पुर्नजीवित करने के उद्धेश्य से इस शासकीय संकल्प को विधानसभा में लाया और साथ ही छत्तीसगढ़ की अस्मिता और आदिवासियों की भावना को दृष्टिगत रखते हुए छत्तीसगढ़ की सरकार नगरनार स्टील प्लांट को खरीदेने की घोषणा की इसके लिए भूपेश बघेल को धन्यवाद ज्ञापित किया ।