बहुत अधिक गुस्सा आना भी है पित्त बढ़ने का लक्षण, जानें पित्त दोष होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं


छोटी-सी बात पर गुस्सा आना और बहुत अधिक गुस्सा करना। नहाने के कुछ समय बाद ही शरीर से दुर्गंध आने लगना…ये इस बात के लक्षण हैं कि आपका शरीर पित्तज प्रकृति का है। यानी आपके शरीर में पित्त की अधिकता है। पित्त शरीर में अनेक स्थानों पर प्रमुखता में रहता है और इनके काम भी अलग होते हैं।

-आयुर्वेद के अनसुार, पित्त असंतुलित होने पर एक या दो नहीं बल्कि 40 प्रकार के रोग हो सकते हैं। पित्त कम हो तब भी व्यक्ति रोगी हो जाता है और यदि पित्त अधिक हो तब भी कई तरह के रोग घेर लेते हैं। यहां जानें किन मुख्य कारण से शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ जाती है…
-बहुत अधिक तीखा भोजन करने से पित्त बढ़ता है।
-मानसिक तनाव के कारण पित्त बढ़ता है।
-शरीर की क्षमता से अधिक मेहनत करने पर भी पित्त दोष में वृद्धि हो जाती है।
-भूख लगने पर भोजन ना करना या बिना भूख के भी कुछ ना कुछ खाने से भी पित्त बढ़ने की समस्या हो जाती है।
-नॉनवेज अधिक खाने से भी पित्त बढ़ता है।
-जो लोग खट्टी चीजें, गर्म तासीर की चीजें और सिरके से बनी चीजों का अधिक सेवन करते हैं, उन्हें भी पित्त बढ़ने की समस्या हो जाती है।

ऐसे पहचाने बढ़े हुए पित्त को
-अब उन लक्षणों की बात करते हैं, जिनके आधार पर आप पहचान सकते हैं कि आपके शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ी हुई है। इन लक्षणों में- बहुत जल्दी थकना और थकान अधिक होना
-बहुत अधिक गर्मी लगना और पसीना आना
-शरीर से अधिक दुर्गंध आना
-मुंह में छाले होना या गले में सूजन इत्यादि की समस्या
-बहुत अधिक गुस्सा आना
-चक्कर आना और कभी-कभी बेहोशी की समस्या होना
-लगातार ठंडी चीजें खाने की इच्छा होना

पित्त को संतुलित करने के घरेलू उपाय
-बढ़े हुए पित्त को शांत करने के लिए आप अपने खान-पान में जरूरी बदलाव करें। सबसे पहले मसालेदार भोजन करना बंद करें और नॉनवेज बिल्कुल ना खाएं।
-भोजन में देसी घी का सेवन करें।
-शरीर को ठंडक देनेवाली कच्ची सब्जियों को अधिक खाएं। जैसे खीरा, मूली, चुकंदर, ककड़ी, गाजर, ब्रोकली इत्यादि।

पित्तज प्रकृति के लोग क्या ना खाएं?
-पित्त बढ़ा हुआ रहता है तो आपको कुछ खास चीजों का सेवन बहुत ही सीमित मात्रा में करना चाहिए। जैसे, कच्चे टमाटर ना खाएं
-ड्राईफ्रूट्स बहुत ही कम खाएं
-बादाम को रातभर पानी में भिगोकर खा सकते हैं।
-मूंगफली का सेवन कम से कम करें।
-चाय और कॉफी कम पिएं।
-अल्कोहल से दूर रहें।

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