बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिकों को खुलेआम बाजार से दुकानों तक घूमते देख शहरवासी दहशत में


बिलासपुर. मंगलवार की बीती रात 12 बजे से एक बजे के करीब मखाना गुजरात से  मजदूरों को लेकर एक स्पेशल ट्रेन  बिलासपुर पहुंची।इस ट्रेन से अलग अलग जगह के मजदूर बिलासपुर प्लेटफार्म पर  उतरे। इन मजदूरों में से कुछ मजदूरों को प्रशासन ने गंतव्य की ओर रवाना कर दिया।पर कुछ मजदूरों को रेलवे स्टेशन पर ही छोड़ दिया गया। ना तो उनके रहने-ठहरने का कोई इंतजाम किया गया और ना ही उनके खाने-पीने की कोई व्यवस्था की गई।आज सुबह होते ही वे सारे मजदूर स्टेशन परिसर में और उसके बाहर भी बिना किसी रोक-टोक के घूमते रहे। साथ ही वे खाने-पीने और नाश्ता पानी की तलाश में रेलवे मार्केट और बूधवारी बाज़ार भी पहुंच गए। यह कितनी विडंबना की बात है कि एक तरफ तो प्रशासन द्वारा बड़ी संख्या में बाहर से बिलासपुर आने वाले प्रवासी श्रमिकों से संक्रमण की आशंका के कारण ही बुधवारी बाजार को सामने से बन्द कर पीछे से खोला गया है। वहीं अब प्रशासन की लापरवाही से बाहर से आए मजदूरों के दल के दल बड़ी संख्या में बिना किसी प्रकार की स्वास्थ्य जांच अथवा क्वॉरेंटाइन हुए रेलवे परिसर से लेकर बुधवारी बाजार तक घूम रहे है। कल रात को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से गुजरात से आए ये सभी मजदूर बेमेतरा और बलौदा बाज़ार के बताए जा रहे है। प्रशासन को बिना देर किए इन मजदूरों के स्वास्थ्य जांच तथा क्वारेंटीन  की व्यवस्था करनी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर यदि इसी तरह बाहर से आने वाले मजदूर रेलवे परिसर और बिलासपुर के विभिन्न सामुदायिक भवनों के इर्द-गिर्द बिना रोक-टोक के घूमते रहेंगे तो इसे बिलासपुर के निवासियों के लिए खतरे की घंटी ही कहा जाएगा। प्रशासन को बाहर से आने वाले श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच और क्वॉरेंटाइन किए जाने से लेकर तमाम इंतजाम अपनी सूक्ष्म निगरानी में और पूरी जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए। जिससे संक्रमण का खतरा बिलासपुर के लोगों को न झेलना पड़े।

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