बेघर-बार व्यक्तियों तथा प्रवासी श्रमिकों के लिये जिले में बनाये गए अस्थायी पुनर्वास केन्द्र


गौरेला-पेंड्रा-मरवाही. राज्य शासन द्वारा नोवल कोरोना वायरस कोविड-19 को संपूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य के लिये अधिसूचित संक्रामक रोग घोषित किया गया है। नोवेल कोरोना वायरस से संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिये लाॅकडाउन के कारण प्रभावित बेघर-बार व्यक्तियों तथा प्रवासी श्रमिकों, जो विभिन्न स्थानों पर अवरूद्ध हो गये हैं, के लिये जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही की सीमा क्षेत्र में स्थित छात्रावास व आश्रमों को पुनर्वास केन्द्र बनाया गया है। कलेक्टर श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी ने आदेश जारी कर जिले के विकासखंड गौरेला में आदिवासी बालक आश्रम करंगरा, आदिवासी बालक आश्रम आमाडोब, आदिवासी बालक छात्रावास जोगीसार, पेंड्रा विकासखंड अंतर्गत कस्तूरबा आवासीय विद्यालय कोडगार, मरवाही विकासखंड अंतर्गत आदिवासी कन्या छात्रावास करहनी, आदिवासी कन्या छात्रावास उषाढ़, आदिवासी कन्या छात्रावास भस्कूरा को प्रवासी श्रमिकों के लिए पुनर्वास केंद्रों के रूप में स्थापित किया है। संबंधित छात्रावास, आश्रम अधीक्षकध्अधीक्षिका को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों सहित आदेशित संस्था में रहने के लिये निर्देशित किया गया है, ताकि आकस्मिक परिस्थिति में प्रवासी श्रमिकों, व्यक्तियों के रहने एवं खाने की व्यवस्था की जा सके। बेघर-बार व्यक्तियों से यह आशय यह है कि जिनका कोई स्थायी आश्रम गृह नहीं हो। प्रवासी श्रमिको से आशय ऐसे व्यक्तियों से है जो राज्य से बाहर काम की तलाश में गए थे तथा अन्य राज्यों के ऐसे व्यक्ति जो लाॅकडाउन के कारण अपने गृह राज्यों को लौट रहे थे तथा  आवागमन के साधन नहीं होने के कारण जिले में अवरूद्ध हो गये हैं। ऐसे सभी व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्यतः कराया जाये यदि किसी व्यक्ति में कोविड-19 के प्रारंभिक लक्षण हो तो उसकी जांच चिकित्सालय में करायी जाये। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के अनुरूप आईसोलेशन हेतु अग्रिम कार्यवाही की जाये। अस्थायी राहत शिविरों में प्रत्येक व्यक्ति के मध्य एक मीटर की शारीरिक दूरी बनाये रखने के प्रावधानों का अनिवार्यतः पालन किया जाये। अस्थायी राहत शिविरों में वृद्धजनों, विधवा, परित्यक्ता, गर्भवती स्त्रियों तथा शिशुओं का विशेष ध्यान रखा जाय। अस्थायी राहत शिविरों का संचालन 14 अप्रैल 2020 तक किया जाय, यदि अस्थायी राहत शिविरों की संचालन की अवधि बढ़ाने की आवश्यकता होती है, तब राज्य शासन से अनुमति प्राप्त होने पर की जायेगी।

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