भाजपा और संघ का यह रिश्ता क्या कहलाता है ?


रायपुर. भाजपा की दिनोदिन बिगड़ती स्थिति से चिंतित संघ प्रमुख मोहन भागवत के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर कांग्रेस के संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि भाजपा और संघ का यह रिश्ता क्या कहलाता है ? संघ प्रमुख मोहन भागवत का दौरा और भाजपा में चल रहा बयानबाजी का दौर अपने आप बहुत कुछ स्पष्ट कर देता है !  संघ कितना भी कह ले कि वो गैर राजनीतिक संगठन हैं सबको सच्चाई पता है। अगर संघ गैर राजनैतिक  संगठन होता  तो  संघ प्रमुख  के दौरे को लेकर भाजपा के अधिकृत प्रवक्ताओं को क्यो उत्कंठित होकर बार-बार बयानबाजी करना पड़ रहा है ? दरअसल संघ छत्तीसगढ़ में भाजपा की दुर्दशा के कारण चिंतित है। इसीलिये संघ प्रमुख को छत्तीसगढ़  आना पड़ा है। संघ इसीलिए सक्रिय हुआ है।

कांग्रेस के संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि अब मोहन भागवत जी ही बता दे कि संघ तो खुद को गैर राजनीतिक संगठन कहता हैं । लेकिन अब स्वयं संघ प्रमुख भाजपा की मदद के लिए क्यों छत्तीसगढ़ आये है ? ये रिश्ता क्या कहलाता है?

शुरू से कांग्रेस कह रही थी कि संघ प्रमुख मोहन भागवत यहाँ भाजपा की गिरती हुई हालत पर विचार करने के लिए यहां पर आ रहे है और यही बात सच निकली और भाजपा प्रवक्ताओं के आज के बयानों से इसकी पुष्टि भी हो गयी है। दरअसल संघ कितना भी कह लें कि वो गैर राजनीतिक संगठन है। संघ का राजनीति से चोली दामन का साथ है। अब भाजपा ने पराक्रम और परिश्रम की जगह परिक्रमा को महत्व दिया जाता है।

कांग्रेस के संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा प्रवक्ताओं ने  आज भाजपा और संघ के संबंधों की कलई खोल कर रख दी है। भाजपा ने 15 साल तक छत्तीसगढ़ की हितो की उपेक्षा की, लोकहित की उपेक्षा की और सिर्फ आरएसएस के हितों को बढ़ावा देने का काम छत्तीसगढ़ में किया। इसी का परिणाम है कि भाजपा15 सीटों तक सिमट कर रह गई। भाजपा ने चुनाव हारने के बाद जिस प्रकार हार का ठीकरा भाजपा कार्यकर्ताओं के सिर पर फोड़ा और जिस तरीके से भाजपा ने किसानों के हित के खिलाफ केन्द्र की भाजपा सरकार से आदेश पारित कराये और छत्तीसगढ़ की जनभावनाओं के खिलाफ जाकर मोदी सरकार का  समर्थन किया, उससे पूरे छत्तीसगढ़ में भाजपा के खिलाफ गहरी नाराजगी का वातावरण है।  इसीलिए भाजपा  लगातार हाशिये में जा रही है। संघ प्रमुख की बैठक से छत्तीसगढ़ में भाजपा का कुछ नही होने वाला है।

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