भारत की परेशानी बने टिड्डी दल, इस देश के लिए हैं लजीज व्यंजन
नेरोबी. भारत में बीते दिनों हुए टिड्डियों (Locusts) के हमले से किसान खासे परेशान रहे और इन्हें भगाने के जतन करते रहे, लेकिन केन्या की राजधानी नैरोबी (Nairobi) में लोगों को टिड्डियों की बढ़ती तादाद से कोई दिक्कत नहीं है. उलटा वह इन्हें एक लजीज व्यंजन के अवसर के रूप में देखते हैं.
नैरोबी में टिड्डियों को कई तरह से खाया जाता है. जैसे कि ग्रील्ड टिड्डी सलाद या फिर टिड्डी कबाब. टिड्डियों के चाहने वालों की यहां कोई कमी नहीं है, इस वजह से हर थोड़े वक्त में मेन्यू में कोई न कोई नई डिश जुड़ जाती है. दरअसल, केन्या में लोग इन्हें उड़ता हुआ प्रोटीन कहते हैं और इसलिए जब भी मौका मिलता है इन्हें खाने से नहीं चूकते.
इस बारे में इप्सिल के शोधकर्ता Chrystanus Tanga कहते हैं, ‘लोगों को शर्माने या टिड्डियों को आदि मानव का भोजन बताकर दूर भागने के बजाए इसके सेवन के लिए आगे आना चाहिए. ये टिड्डी हमारे खेतों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाते हैं, जब इन्हें इसमें कोई शर्म नहीं आती तो हमें इन्हें अपना भोजन बनाने में शर्म क्यों करनी चाहिए’? नैरोबी में टिड्डियों को स्वाद बढ़ाने के लिए भोजन में कुचलकर डाला जाता है या फिर उन्हें डीप फ्राई करके तीखी सॉस के साथ परोसा जाता है. इसके अलावा भी लोग तरह-तरह से इनका इस्तेमाल करते हैं.
वैसे, यह अकेले नैरोबी की ही बात नहीं है. कई अन्य देशों में भी टिड्डियों को स्वादिष्ट भोजन के रूप में देखा जाता है. 2013 में इज़राइल में जब टिड्डी हमला हुआ तो वहां के लोगों ने इन्हें फ्राई करके भोजन बना डाला. इतना ही नहीं इन्हें डेसर्ट के रूप में परोसा गया. इसी तरह, 2004 में,जब टिड्डियों ने ऑस्ट्रेलिया में फसलों को तबाह किया, तो लोगों ने बदले में उन्हें अपना आहार बना लिया. ऑस्ट्रेलिया में लोग इन्हें हवा में उड़ने वाले प्रॉन कहते हैं. इस पर एक किताब भी प्रकाशित की गई थी.