April 27, 2024

जो बाइडन ने इस ‘ग्लोबल समिट’ के लिए दुनिया के 40 नेताओं को दिया न्योता, PM मोदी भी हैं शामिल


वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) समेत विश्व के 40 नेताओं को जलवायु परिवर्तन (Climate Change) से निपटने को लेकर वार्ता के मकसद से आयोजित होने वाली पॉलिटिकल समिट के लिए आमंत्रित किया है. इस शिखर सम्मेलन के आयोजन का मकसद जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने के आर्थिक लाभ एवं महत्व को रेखांकित करना है.

बाइडन करेंगे मेजबानी
बाइडन पृथ्वी दिवस पर 22 अप्रैल से विश्व के नेताओं के दो दिवसीय जलवायु शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे, जिसमें वह साल 2030 तक कार्बन उत्सर्जन कम करने के अमेरिकी लक्ष्य की रूपरेखा पेश करेंगे, जिसे ऐतिहासिक पेरिस समझौते (Paris Accord) के तहत राष्ट्रीय निर्धारित योगदान के रूप में जाना जाता है. व्हाइट हाउस के मुताबिक नवंबर में होने वाले संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) को लेकर ये आयोजन मील का पत्थर साबित होगा.

इन वैश्विक नेताओं को न्योता

जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी के अलावा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा, ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन समेत 40 नेताओं को शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया है, जिसका सीधा प्रसारण किया जाएगा.

80% कार्बन उत्सर्जन के जिम्मेदार 17 देश
इन नेताओं के अलावा दक्षिण एशिया से बंग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और भूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग को भी सम्मेलन मे शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. व्हाइट हाउस ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन और सीओपी26 का मुख्य लक्ष्य वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के प्रयासों को गति देना है.

उसने कहा कि सम्मेलन में इन उदाहरणों को भी रेखांकित किया जाएगा कि जलवायु महत्वाकांक्षा से अच्छे वेतन वाली नौकरियां कैसे पैदा होती हैं, नई तकनीक विकसित करने में कैसे मदद मिलती है और कमजोर देशों को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के अनुसार ढलने में कैसे सहायता मिलती है. इस सम्मेलन में वे 17 देश भाग लेंगे, जो वैश्विक स्तर पर 80 प्रतिशत उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं और वैश्विक जीडीपी में उनकी 80% भूमिका है.

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