भावनात्मक कमजोरी से भी होती है यह दमघोटू बीमारी, जानें अन्य कारण और लक्षण
धूल, पलूशन और जानवरों के बालों से होनेवाली इस बीमारी का एक कारण भावनात्मक कमजोरी (Emotional Weakness) भी हो सकता है। यहां जानें अन्य कारणों के बारे में…
दमा एक ऐसी बीमारी है, जिसकी गिरफ्त में हर उम्र के लोग आ जाते हैं। जिन लोगों को यह बीमारी बचपन में ही घेर लेती है, उन्हें यदि समय पर सही इलाज और माहौल ना मिले तो उनके लिए एक स्वस्थ जिंदगी जीना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि आपको इस दम-घोटू बीमारी (Asthma) के लक्षण और कारणों (Symptoms And Reasons) के बारे में पता होना चाहिए…
-जिन लोगों में अस्थमा बीमारी अपने शुरुआती स्तर पर होती है, उन्हें सांस लेने में समस्या होने लगती है। सांस फूलने लगती है और अचानक तेज खांसी उठने लगती है। इसके साथ ही कुछ अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। जो इस प्रकार हैं…
-सांस लेते समय एक खास तरह की घरघराहट की समस्या होना और सीने में जकड़न होने की समस्या होती है।
पालतू जानवरों के बालों से भी हो सकता है अस्थमा
-कोई भी शारीरिक गतिविधियां करने पर सांस फूलना, जल्दी-जल्दी सांस लेने से खांसी उठना और फिर बहुत अधिक कमजोरी महसूस होना जैसी समस्याएं होती हैं।
किन कारणों से होता है दमा का रोग?
-दमा के रोग के लिए सबसे बड़े कारण के रूप में वायु प्रदूषण को माना जाता है। आमतौर पर यह रोग उस क्षेत्र के लोगों में तेजी से बढ़ता है, जहां हवा में प्रदूषण की मात्रा बहुत अधिक होती है।
-जिन लोगों को डस्ट एलर्जी (धूल-मिट्टी के महीन कणों से समस्या) होती है, उन्हें भी दमा का रोग होने की संभावना बहुत अधिक होती है।
भावनात्मक तनाव से भी हो सकता है दमा
-बच्चों में दमा का मुख्य कारण सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसी समस्याएं होती हैं। इसके साथ ही ब्रोंकाइटिस और साइनस भी इस बीमारी के कारण हो सकते हैं।
-जिन लोगों की फैमिली हिस्ट्री में अस्थमा का रोग रहा हो, उनमें यह बीमारी होने की आशंका कहीं अधिक होती है।
-भावनात्मक रूप से हर समय तनाव और चिंता में रहनेवाले लोगों में भी अस्थमा का रोग बढ़ सकता है। क्योंकि स्ट्रेस हमारे दिमाग में हॉर्मोनल संतुलन बिगाड़ने के साथ ही हृदय की गति और सांसों की रिद्म पर भी बुरा असर डालता है।