भ्रष्टाचार में लिप्त महिला एसडीएम ने एसडीओपी पर लगाए बेबुनियाद आरोप

बलरामपुर. जिले के वाड्रफनगर स्थित पीडब्ल्यूडी के रेस्ट हाउस में आईपीएस ऑफिसर व एसडीओपी के साथ महिला एसडीएम का वहां रुकने की बात को लेकर विवाद हो गया था। मामला इतना बढ़ गया कि राज्य प्रशासनिक सेवा की कर्मचारी ने पुलिस महकमे केभारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी को परिवार सहित रेस्ट हाउस से बाहर जाना पड़ा । आपको बता दें कि एसडीओपी ने उन्हें समझाने का काफी प्रयास की लेकिन महिला एसडीएम ने उनकी एक न सुनीं। विवाद देख आईपीएस की पत्नी रो पड़ीं। इसके बाद आईपीएस अपने परिवार समेत फॉरेस्ट विभाग के रेस्ट हाउस में चले गए। मामले की शिकायत कलेक्टर से की गई। इसके बाद कलक्टर ने एसडीएम को  तत्काल हटा दिया।
महिला एसडीएम ने कलेक्टर से एसडीओपी की शिकायत करते हुए लिखा है कि उनका व्यवहार भी उनके प्रति अच्छा नहीं रहा है। इस मामले में कलेक्टर ने एसडीओपी से 3 दिन के भीतर जवाब मांगा है। महिला एसडीएम ज्योति बबली बैरागी पर भ्रष्टाचार के भी कई मामले उजागर हुए हैं और जिले के पत्रकारों से भी इनका रुखा व्यवहार रहा है कई दफा इन्होंने पत्रकारों को भी निम्न स्तर के व्यक्ति से संबोधित किया है।
गौरतलब है कि आईपीएस डॉ. लाल उमेश सिंह अपनी पत्नी व बच्चों के साथ 22 अप्रैल को अपने ससुर के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल होने उत्तर प्रदेश जा रहे थे। शाम होने पर वे वाड्रफनगर स्थित पीडब्ल्यूडी के रेस्ट हाउस में रुके। वहां के एसडीओपी डॉ. धु्रवेश जायसवाल ने उनके रुकने की व्यवस्था कराई थी। इसी बीच शाम करीब 7 बजे रेस्ट हाउस के ही दूसरे कमरे में पहले से ही रह रहीं वाड्रफनगर एसडीएम ज्योति बबली बैरागी वहां पहुंचीं। आईपीएस ऑफिसर को वहां देख वे भडक़ गईं, इस दौरान वे उन्हें नहीं पहचानती थीं। फिर उन्होंने पीडब्ल्यूडी कर्मचारी को बुलवाया और कहा कि किसके कहने पर कमरा एलॉट किया गया। जब कर्मचारी ने एसडीओपी का नाम बताया तो एसडीएम और भडक़ गईं। इस दौरान आईपीएस ने एसडीएम से कुछ नहीं कहा और उन्होंने अपना परिचय भी दिया, इसके बाद भी एसडीएम का रवैय्या वही रहा तो उन्होंने एसडीओपी को फोन कर बुलाया। इसके बाद एसडीएम व एसडीओपी के बीच जमकर बहस हुई। इस दौरान एसडीएम ने गेट आउट शब्द तक का इस्तेमाल किया। विवाद होता देख आईपीएस की पत्नी रोने लगीं। मामले की गंभीरता को देखते हुए आईपीएस अपने परिवार के साथ फॉरेस्ट विभाग के रेस्ट हाउस में चले गए। वहां रात गुजारने के बाद सुबह वे उत्तर प्रदेश के लिए निकल गए।  इस संबंध में पीडब्ल्यूडी के एसडीओ ने बताया कि आईपीएस डॉक्टर लाल उमेद सिंह के आने व पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में रुकने की सूचना एसडीएम मैडम को दिन में ही दे दी गई थी। एसडीओपी डॉ ध्रुवेश कुमार जयसवाल से इस संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि वाड्रफनगर में दो रेस्ट हाउस जिसमें फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में कई प्रकार की अव्यवस्था एवं स्टाफ नहीं है वही पीडब्ल्यूडी का रेस्ट हाउस में अच्छा व्यवस्था होने के कारण आईपीएस सर को वहां ठहराया गया था। लेकिन एसडीएम मैडम के द्वारा वहां ठहरे हुए आईपीएस का सम्मान ना करते हुए उन्हें बाहर जाने को मजबूर कर दिया गया। और वहां जिस रूम में एसडीएम ठहरी हुई थी उस रूम से अलग रूम में आईपीएस सर को रुकवाया गया था। उनके रूम से किसी प्रकार का कोई मतलब ही नहीं था और घटना के रात कि नहीं अपितु हमेशा से ही एसडीएम ज्योति बबली बैरागी अंबिकापुर से ही अप डाउन किया करती हैं इसके बावजूद भी इतनी अभद्रता क्योंकि यह मैं नहीं जानता मेरे ऊपर  काफी आरोप उनके द्वारा लगाया गया है जबकि मेरे विचार कभी ऐसे नहीं रहे हैं आज तक विकासखंड स्तरीय किसी प्रकार की बैठक मैडम के द्वारा नहीं लिया गया है  अगर बैठक लिया भी गया है तो मुझे नहीं बुलाया गया है यह जांच का विषय है।मेरे ऊपर  लगाए गए आरोप पूर्णता गलत है जांच टीम के सामने मैं अपना पूरा पक्ष रखूंगा।  वही इस संबंध में जिले के कलेक्टर संजीव झा ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम ज्योति बबली बैरागी को हटाया गया था। अभी उनके द्वारा लिखित शिकायत एसडीओपी वाड्रफनगर के खिलाफ की गई है इसके लिए जांच टीम गठित कर दी गई है जांच आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. तात्कालिक एस.डी.एम. ज्योति बबली वैरागी  से  इस विषय में फ़ोन के माध्यम से संपर्क करना चाहे पर  उन्होंने कोई रिस्पांस नहीं दिया ।

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