“मजबूती का नाम महात्मा गांधी” शीर्षक पर संगोष्ठी का हुआ समापन

बिलासपुर. जिला कांग्रेस कमेटी बिलासपुर के तत्वाधान में “मजबूती का नाम महात्मा गांधी” शीर्षक पर संगोष्ठी राष्टपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर लखीराम सभागृह में आयोजित की गयी। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रदीप कांत चौधरी एवं राष्टीय प्रवक्ता डाॅ. रागिनी नायक ने राष्टपिता महात्मा गांधी के विचारों की व्यापकता, प्रासंगिकता, आवश्यकता व उद्देश्य पर सटीक उदाहरण सहित मंत्र मुग्ध करने वाला व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए वातावरण को गांधीमय बना दिया। स्वागत भाषण जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने देते हुए सभी का स्वागत किया। आभार प्रदर्शन डाॅ. चंदन यादव ने किया वहीं कार्यक्रम का आकर्षक संचालन अजय श्रीवास्तव ने किया।

मोहनदास गांधी से लेकर महात्मा व राष्टपिता बनने तक के संघर्ष व सफर पर विस्तार से बताते हुए मुख्य वक्ता प्रो. प्रदीप कांत चौधरी ने गांधी के विचारों के उद्देश्य, दूर दृष्टिता, संकल्प व जनकल्याण की भावना को सीधी सरल भाषा में समझाया। बापू पर लगने वाले आक्षेत्र व प्रश्न चिन्हों पर भी सटीकता से उदाहरण देते हुए प्रो चौधरी ने कहा कि कभी बापू को साम्राज्यवादियों व पूंजीपतियों का एजेंट होने का आरोप लगा तो कभी उन्हें मुस्लिमों व अल्पसंख्यकों को पैरोकार बताया गया। बापू को हिंदू विरोधी बताने का षड्यंत्र भी तब से लेकर आज तक रचा जाता रहा है। महात्मा गांधी केवल इंसानियत को सबसे बड़ा धर्म व मानव सेवा को सबसे बड़ा कर्म मानते थे। महात्मा गांधी पर आरोप लगाने वाले कहते हैं कि हिंदू धर्म खतरे में है इस पर सवाल उठाते हुए प्रो चौधरी ने कहा कि बिना कानून संविधान के 500 वर्षों के मुस्लिम शासनकाल में जब हिंदू धर्म पल्लवित होता रहा उसको संकट नहीं पैदा हुआ तो आज के परिवेश में कोई संकट कैसे हो सकता है। यह संकट नहीं संकट का कृत्रिम बाजार है जो देश में चलाकर दूषित राजनीति का खेल रचा जा रहा है। गांधी से बड़ा कोई हिंदू नहीं है, गांधी से बड़ा कोई राम भक्त भी शायद ही हो। गांधी जी के अनुसार मेरे राम तो दशरथ पुत्र व सीता पति राम ही थ लेकिन जब अंतर्मन से देख लो तो वह साकार भी हैं और निराकार भी हैं। गांधी जी को विश्व का इकलौता आध्यात्मिक राजनीतिज्ञ बताते हुए प्रो. चौधरी ने कहा कि हम सबका धर्म है कि गांधी के विचारों को समझे उसके लिए संघर्ष करें, और दूषित विचारधारा के लोगों को माकूल जबाब दें।

गांधी जी और दूसरे महापुरूषों की तुलना को अनुचित बताते हुए प्रो. चौधरी ने कहा कि लोगों ने बापू व अंबेडकर केे बीच कृत्रिम खाई बनाने का प्रयास तक किया। गांधी जी के अछूत प्रेम तक को छद्म बताया गया जबकि हिंदू परंपरा को जीवित रखते हुए अछूतों के लिए अद्वितीय संघर्ष बापू ने किया। प्रो. चौधरी ने महान विचारक सुभाष पाल्लिकर के कथन भी प्रस्तुत किया कि दरअसल अंबेडकर और गांधी में समानता गहरी है व असमानता सतही है। दोनों हिंसा के विरोधी थे और घृणा व नफरत की राजनीति कभी नहीं अपनायी। पर्यावरण से लेकर सामाजिक प्रदूषण से जब विश्व समुदाय खतरा महसूस कर रहा है तब ऐसे में गांधी जी का चिंतन व अध्यात्म ही सही रास्ता दिखलाता है। मार्क्सवाद, फांसीवाद व अन्य विचारधाराएं गौण हो जाती हैं। गांधी विचारधारा के प्रचार प्रसार व गांव किसान तक उद्यम को लेकर पहुंचने की अपील करते हुए प्रो चौधरी ने कहा कि अंतिम व्यक्ति तक को न्याय दिलाने, छोटे छोट गांवों को गांधी विचारधारा के अनुसार स्वावलंबी बनाने के लिए सभी को आगे आना होगा। अफवाहों व कट्टर शक्तियों का प्रचार प्रसार करने वालों को रोकना हम सब की जिम्मेदारी है। राष्टीय कांग्रेस की प्रवक्ता डाॅ. रागिनी नायक ने अपने जोशिल उद्बोधन से खूब तालियां बटोरी सहज सरल भाषा में चंपारण की नील की खेती से लेकर नमक तोड़ों आंदोलन व अन्य राष्टीय सामाजिक आंदोलनों का जिक्र करते हुए कहा कि सत्य, अहिंसा रूपी शस्त्रों से लड़ने वाला इतना बड़ा विश्व नायक कोई दुनिया में दूसरा नहीं मिलता। बापू के इन दो शस्त्रों से हमें निर्भय होकर अन्याय के खिलाफ लड़ने का हौसला मिलता है। “मजबूती का नाम महात्मा गांधी” शीर्षक को केन्द्रित कर डाॅ. रागिनी नायक ने गांधी जी की शक्तियों विचारों की व्यापकता व मिट्टी से योद्धा पैदा करने की वैचारिक शक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि गांधी को समझना व अुनसरण करना हर किसी के बस की बात नहीं। महात्मा गांधी पर तीन जानलेवा हमलों को बताते हुए राष्टीय प्रवक्ता ने कहा कि सुरक्षा नहीं लेने व प्रार्थना सभा में आने वालों की जांच की अनुमति नहीं देने वाले बापू का मानना था कि जीवन और मृत्यु ईश्वर के हाथ में है। इस हिंसक युग में गांधी अंधेरे में दीपक की तरह हैैं। कठुवा से लेकर उन्नाव बलात्कार कांड, माॅब लीचिंग, लव जिहाद, धार्मिक उन्माद के इस युग में गांधी की प्रासंगिकता बताने की जरूरत नहीं है। ”रघुपति राघव राजा राम, ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, पतित पावन सीता राम“ गंाधी के इस प्रिय भजन का उल्लेख करते हुए रागिनी नायक ने धार्मिक सद्भाव और पीड़ित की मदद के गांधी जी के भाव को विस्तार से बताया। धर्म के नाम पर राजनीति करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए रागिनी नायक ने कहा कि जन कल्याण और समाज में संदेश के लिए अपना सब कुछ त्याग देेने वाले राम के नाम पर लोगों की चमड़ी उधेड़ी जा रही है। कनक तिवारी के लेख का वर्णन करते हुए नायक ने कहा कि राम को जितनी बार महात्मा गांधी ने लिखा है शायद सभी संघ के विचारकों को मिलाकर भी नहीं लिखा गया है। रागिनी नायक ने गांधी के विचारों को पढ़ने से उर्जा, निर्भयता व सकारात्मक उर्जा के संचरण की बात कही। कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में श्रोताओं में बैठे शहर के पबुद्धजनों रामकुमार तिवारी, प्रो. सरोज मिश्रा, बद्री जायसवाल, जावेद उस्मानी, सिद्धंाशु मिश्रा आदि ने सवाल किए जिनका अभ्यागतों ने विस्तार से जवाब दिया। शराबबंदी पर पूछे गए सवाल पर प्रो. चौधरी ने कहा कि गांधीजी ने वैधानिक प्रतिबंध के बजाय सामाजिक जागरूकता व हृदय परिवर्तन को प्राथमिकता की बात कही है। राष्टीय सचिव चंदन यादव ने सभी महापुरूषों से प्रेरणा व शिक्षा लेने की बात कही महापुरूषों में तुलना करना उनके लिए नकारात्मक भाव को गलत बताया। उक्ताशय की विस्तृत जानकारी देते हुए जिला कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री एवं प्रवक्ता अनिल सिंह चौहान ने बताया कि महात्मा गांधी के 150 वीं जयंती पर जिला कांग्रेस कमेटी बिलासपुर द्वारा आयोजित “मजबूती का नाम महात्मा गांधी” संगोष्ठी कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहर के प्रबुद्धजन, पत्रकार गण, शिक्षाविद्, समाजसेवी, कांग्रेसजन उपस्थित थे जिनमें प्रदेश कांग्रेस महामंत्री अटल श्रीवास्तव, शहर अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर, आनंद मिश्रा, बजरंग केडिया, नंद कश्यप, सतीश जायसवाल, सईद खान, सत्यभामा अवस्थी, शीला तिवारी, सरोज कश्यप, मंजू मित्रा, कालीचरण यादव, ओमप्रकाश गंगोत्री, पी. आर. यादव, हरीश केडिया, सचिन शर्मा, मधुकर गोरख, प्रियंका शुक्ला, विद्या गोवर्धन, संदीप चोपडे़, राजेश दुआ, हबीब खान, तविन्दर सिंह, जफर अली, वैजनाथ चंद्राकर, राजेश पांडेय, विजय पांडेय, अजय पाठक, सुनील चिपड़े, जय श्री शुक्ला, संध्या तिवारी, अभय नारायण राय, महेश दुबे, ऋषि पांडेय, शेख गफ्फार, शेख नजरूद्दीन, महेन्द्र गंगोत्री, अनिल सिंह चौहान, अभिषेक सिंह, भावेन्द्र गंगोत्री, तरू तिवारी, आदि शामिल थे इनके अलावा बड़ी संख्या में छात्र – छात्राएं व कांग्रेसजन कार्यक्रम में उपस्थित थे। आधारशिला मंदिर द्वारा अजय श्रीवास्तव के तत्वाधान में लखीराम सभागृह प्रागंण में महात्मा गांधी के जीवनी पर लगायी गयी फोटो प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केन्द्र रही जिसका उद्घाटन मुख्य अभ्यागतों ने किया।