महिला समूहों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए हर संभव प्रयास : कलेक्टर

बलरामपुर/धीरेन्द्र कुमार द्विवेदी. कलेक्टर  श्याम धावड़े तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  हरीष एस. ने विभाग प्रमुखों के साथ बैठक कर विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं तथा कार्यों के प्रगति की समीक्षा की। कलेक्टर ने विभाग प्रमुखों को विभाग में संचालित योजनाओं, कार्योंं से संबंधित अद्यतन जानकारी के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिये थे। शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं जैसे सुराजी गांव योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना के साथ ही शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, खाद्य विभाग एवं आदिवासी विकास विभाग से संबंधित विषयों पर विस्तृत चर्चा की। कुपोषण मुक्ति के लिए जिले में किये जा रहे कार्यों की बिन्दुवार समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश दिये। कलेक्टर ने महिला स्व सहायता समूहों को प्राथमिकता देते हुए अधिक से अधिक योजनाओं से जोड़कर आजीविका प्रदान करने की बात कही। कलेक्टर ने बैठक के दौरान सर्व प्रथम स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख योजनाओं तथा कार्यों की समीक्षा करते हुए जिले में उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या, उपलब्ध चिकित्सा कर्मी, आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता की जानकारी ली। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से आगामी समय में मौसमी बीमारियों से बचाव, जगरूकता तथा उपचार के लिए की गई तैयारियों के बारे में पूछा। कोरोना वायरस के साथ-साथ अन्य मौसमी बीमारियों के लिए भी आवश्यक तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिये।

उन्होंने प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों में शत्-प्रतिशत संस्थागत् प्रसव कराने को कहा। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के समीक्षा के दौरान गंभीर एवं कुपोषित बच्चों की संख्या, शिशुवती, गर्भवती तथा एनीमिक महिलाओं की जानकारी के साथ ही उनको दी जाने वाली खाद्य सामग्री तथा स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में चर्चा की। कोरोना वायरस से बचाव को ध्यान में रखते हुए महिलाओं एवं बच्चों को रेडी-टू-ईट के साथ गर्म भोजन के स्थान पर सूखा राशन वितरित किया जा रहा है। समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए भवन तथा कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों की जानकारी लेते हुए जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने को कहा। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी से अंग्रेजी माध्यम के स्कूल के लिए भवन, फर्नीचर तथा शिक्षक की व्यवस्था के बारे में जाना। शालाओं में रंग-रोगन तथा मरम्मत के कार्य स्कूल खुलने से पूर्व पूर्ण करने को कहा। हायर सेकेण्डरी स्कूलों के बच्चों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग एवं कौशल विकास के पाठ्यक्रम संचालित किये जाने है। बच्चों को जिले की आवश्यकतानुसार कौशल विकास के पाठ्यक्रमों से जोड़ना है, ताकि बच्चों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल पाये। जिले में सोलर और ऑटो सेक्टर में कुशल कामगारों के लिए संभावनाएं देखी जा रही है। इसीलिये बच्चों को इन विषयों से जोड़कर प्रशिक्षित और पारंगत करना है। उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को पिछले कुछ सालों में भू-जल स्तर में आये बदलाव की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। मनरेगा के अन्तर्गत स्वीकृत प्रमुख कार्यों के बारे में चर्चा करते हुए लंबित मजदूरी भुगतान जल्द करने के निर्देश दिये। मनरेगा के प्रमुख कार्यों में डबरी निर्माण तथा नरवा संवर्धन के कार्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राजस्व से जुड़े मामलों को प्राथमिकता से निराकरण कर जानकारी कार्यालय कलेक्टर को भेजें तथा भुईंया सॉफ्टवेयर में खाली पड़े जमीनों का सर्वे कर एन्ट्री पूर्ण करें। कलेक्टर ने आश्रम-छात्रावासों में खाद्य सामग्रियों की  आपूर्ति बिहान मार्ट के माध्यम से करने के निर्देश दिये। बिहान मार्ट महिला स्व सहायता समूहों द्वारा संचालित है, जो महिला समूहों द्वारा तैयार उत्पादों का विक्रय करती है। बैठक के अंत में उन्होंने महिला समूहों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही। महिला समूहों को आर्थिक गतिविधियों में प्राथमिकता देते हुए आजीविका से जोड़ा जाएगा। शासन के मंशानुसार गांवों को अर्थव्यवस्था तथा आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
बैठक में अपर कलेक्टर  विजय कुमार कुजूर, सर्व डिप्टी कलेक्टर सहित सर्व विभाग प्रमुख उपस्थित थे।

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