मांग व आपूर्ति में भारी अंतर के चलते रेलवे की कंफर्म टिकट की मांग हमेशा बनी रहती : मोतीलाल वोरा


रायपुर. 5 फरवरी 2020 को राज्य सभा में शून्यकाल में श्री मोतीलाल वोरा सांसद ने ई-टिकटों की कालाबाजारी और उसके कारण ईमानदार रेल यात्रियों को होने वाली असुविधा के संबंध में बोलते हुये कहा कि रेलवे का टिकट बिक्री का कारोबार सालाना 55 हजार करोड़ का है। मांग व आपूर्ति में भारी अंतर के चलते कंफर्म टिकट की मांग हमेशा बनी रहती है। यात्री मजबूरी में यात्री टिकट की तय कीमत से दोगुना पैसा दलालों को देते है। उन्होने आगे कहा कि देश में ई-टिकटिंग की कालाबाजारी पिछले कुछ सालों से चल रही है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के वर्तमान महानिदेशक ने ई-टिकट कालाबाजारी के खिलाफ अभियान चलाया है और इसमें गिरोह की संलिप्तता सामने आई है, जिसके तार पाकिस्तान, बांग्लादेश, दुबई और सिंगापुर आदि देशों से जुड़े है। रेल यात्रियों को ऑन लाइन टिकट बुकिंग की सुविधा दलालों के लिये मोटी कमाई का जरिया बन गई है। देशभर में रोजाना साढ़े तीन हजार से अधिक लंबी दूरी की यात्री ट्रेन चलती है और हर रोज लगभग 12 लाख कंफर्म टिकट की बुकिंग होती है। दलाल आधुनिक साफ्टवेयर की मदद से आईआरसीटीसी की वेबसाईट में सेंधमारी कर, 85 फीसदी कंफर्म टिकट हथिया रहे है। रेलवे के माध्यम से रेल यात्रियों को मात्र 15 फीसदी कंफर्म टिकट मिल रहे है। निश्चय ही इस कार्य में काफी बड़ा गिरोह सक्रिय होगा। श्री वोरा ने सरकार से आग्रह किया कि वह ई-टिकटों की दलाली में लगे एजेंट तथा अन्य लोगों का पता लगाकर उन्हें गिरफ्तार करें, और रेलवे का सॉफ्टवेयर अत्याधुनिक लगाया जाये ताकि उसमें सेंध न लगाई जा सके और इस अवैध कारोबार को रोका जा सके।

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