राहत कहीं अफात न बन जाएं

बिलासपुर.अर्थव्यवस्था को पटरी मे लाने समान्य जन-जीवन के बंदियों पर मिल रही छूट कहीं घातक सिद्ध न हो पूर्व में बरती गईं सतर्कता धरी की धरी ना रह जाए शासन एवं प्रशासन को सभी राजनीतिक दलों समाजिक संगठनों एवं व्यापारी संगठनों की बैठक कर आने वाली इस बड़ी चुनौती का सामना करने के लिए सुझाव लिए जाने चाहिए जैसे- जैसे लोगों की आवाजाही एवं संपर्क के मध्यम बढ़ेगें वैसे-वैसे खतरे भी बढ़ेगा केंद्र सरकार द्वारा अनलाकॅडाऊन के बढ़ते कदम पर छत्तीसगढ़ सरकार चिंतन एवं मनन करें राज्य की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ जरूरी है मानव जीवन की सुरक्षा और प्राथमिकता मानव जीवन को  सामान्य करने छूट दिए जाने चाहिए पर छूट ऐसी ना हो जो जनजीवन के लिए खतरा बन जाए! छूट की समय सीमा बढ़ाना इस बीमारी के पैर पसारने का अवसर ही देना है देश भर में तेजी से बढ़ती गर्मी का फायदा उठाते हुए सरकार को निर्णय लेना था कि एक 1 जुलाई तक सभी बाजारों को दोपहर 2:00 के बाद बंद करा दिया जाना चाहिए था दूध दवाई पेट्रोल को छोड़कर निश्चित ही सुझाव का अमल व्यापारी गण करते और यदि छत्तीसगढ़ सरकार चाहे तो इन सभी संगठनों से एक बैठक कर इस पर निर्णय लेकर राज्य को इस महामारी से बचाने की एक अलग पहल कर देश दुनिया को एक रास्ता दिखा सकती है! संवाद सलाह समन्वय और सहयोग से ही हम इस चुनौती से लड़ सकते हैं जरूरत है ऐसे ठोस कदम उठाने की जिससे इस महामारी के पैर पसारने ना पाए लगभग 40 दिनों दिनों तक कढ़ाई के साथ ठोस नीतियां बनाकर राज्य सरकार सार्थक एवं जन जीवन की रक्षा हेतु कड़े निर्णय ले पहल करके देखिए जनता आपके साथ है!

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