रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए आरोपी ASI को 4 वर्ष का कठोर कारावास

टीकमगढ़. मीडिया सेल प्रभारी एन. पी. पटेल ने बताया कि सूचनाकर्ता किशोरीलाल अरजरिया के भतीजे दिलीप उर्फ रामू अरजरिया पर आरक्षी केन्द्र लिधौरा जिला टीकमगढ़ में अंतर्गत धारा 294, 323, 324, 506 भादवि के पंजीबद्ध रहे अपराध में उसकी जमानत के लिए अभियोगी किशोरीलाल अरजरिया द्वारा जब इस हेतु जे.डी. वर्मा, निरीक्षक/तत्कालीन थाना प्रभारी से संपर्क किया गया तो अभियुक्त जे.डी. वर्मा ने उसे रूपये 10000/- अवैध रूप से परितोषण के रूप में मांग की और अभियोगी किशोरीलाल अरजरिया के भतीजे दिलीप उर्फ रामू अरजरिया की जमानत हेतु रूपये 5000/- देना तय हुआ चूंकि फरियादी उक्त काम के पैसे रिश्वत के रूप में नहीं देना चाहता था इसलिए उसने लोकायुक्त सागर में उपस्थित होकर लिखित आवेदन के माध्यम से शिकायत की, उक्त शिकायत के आधार पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 29/2016 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रथम सूचना दर्ज कर एक टीम का गठन ट्रेप कार्यवाही हेतु किया गया जिसने आरोपी एएसआई हरदेव सिंह राजावत को फरियादी से पैसे लेते हुए रंगे हाथ ट्रेप किया गया। ट्रेप कार्यवाही हेतु ट्रेप दल में निरीक्षक विजय सिंह परस्ते सहित पंचसाक्षी श्री जे.एल. जाटव, श्री प्रणयकमल खरे, डीएसपी नवल यादव, अभियोगी किशोरीलाल अरजरिया, संजीव अग्निहोत्री, ओम पाठक, प्र.आ. राजकुमार सेन शामिल थे। उक्त ट्रेप दल को जैसे ही फरियादी ने इशारा किया तो अभियुक्त हरदेव सिंह राजावत को रंगे हाथों पैसा लेते हुए पकड़ लिया और रिश्वत की राशि उसके पेंट की जेब से जब्त की गई। दौरानी विवेचना आगे की कार्यवाही सम्पन्न की जाकर समस्त विवेचना उपरांत चालानी कार्यवाही विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के समक्ष की गई। आज दिनांक 05.02.2021 को माननीय न्यायालय ने संपूर्ण विचारण पश्चात् अपने निर्णय में आरोपी एएसआई हरदेव सिंह राजावत को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं धारा 13(1)(घ) सहपठित धारा 13(2) में चार-चार वर्ष के कठोर कारावास एवं दो-दो हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। जबकि प्रकरण के दूसरे आरोपी जे.डी. वर्मा, तत्कालीन निरीक्षक आरक्षी लिधौरा को शंका का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया गया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी श्री आर.सी. चतुर्वेदी एवं वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री संदीप सरावगी द्वारा की गई। प्रकरण में पैरवीकर्ता अधिकारियों द्वारा आरोपी निरीक्षक जे.डी. वर्मा की दोषमुक्ति के संबंध में समीक्षा की जा रही है, तत्पश्चात् अपील के संबंध में निर्णय लिया जावेगा।