विशेषज्ञों ने बताया किन घरों में फैल रहा है कोरोना का अधिक संक्रमण

छोटे और बंद घरों में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बड़े और खुले घरों से कहीं अधिक है। ऐसा सिर्फ वेंटिलेशन के कारण ही नहीं है बल्कि एसी के साथ ही इसकी अन्य वजह भी हैं…

ऑल इंडिया रेडियो के माध्यम से कुछ समय पहले आईएमए के पूर्व महासचिव डॉक्टर नरेंद्र सैनी ने बताया था कि जिन घरों में वेंटिलेशन की पूरी व्यवस्था नहीं होती है, वहां कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा अधिक क्यों होता है? इस विषय पर बात करते हुए उन्होंने कई रिसर्च और विशेषज्ञों द्वारा दी गई ताजा जानकारियों का भी जिक्र किया। अब इस बारे में ताजा रिपोर्ट अमेरिका की मिनेसोटा यूनिवर्सिटी से आई है। यहां शोधकर्ताओं ने घरों, स्कूलों और शॉपिंग मॉल्स के अंदर कोरोना संक्रमित ड्रॉपलेट्स के प्रवाह और ठहराव पर अध्ययन किया। इस दौरान शोधकर्ता टीम ने पाया कि छोटे और बंद स्थान पर कोरोना ना केवल हवा में अधिक समय तक ऐक्टिव रहता है बल्कि इसके ड्रॉपलेट्स अलग-अलग सरफेस पर चिपकते भी हैं…

क्यों उठ रही है छोटे घरों में अधिक संक्रमण की बात?

-आज के समय में केवल शहरों और कस्बों में ही नहीं बल्कि गांवों में भी घरों का साइज बहुत छोटा हो गया है। जैसे-जैसे समाज में एकल परिवारों का चलन बढ़ा, रहने के लिए जगह सिमटती चली गई। यह बात लंबे समय से अलग-अलग रिसर्च के माध्यम से हेल्थ एक्सपर्ट्स और सोशल वर्कर कहते रहे हैं कि छोटे घरों में रहना सेहत के हिसाब से ठीक
नही है।

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बंद स्थानों पर अधिक फैलता है कोरोना संक्रमण

-लेकिन ऐसा तो कभी किसी ने नहीं सोचा होगा कि कोरोना वायरस एक भयानक संक्रामक बीमारी कोविड-19 लेकर आएगा और इस संक्रमण के कारण वे लोग अधिक संख्या में और जल्दी इस वायरस का शिकार बनेंगे, जो छोटे घरों में रहते हैं! आज की स्थितियां तो यही हैं कि छोटे स्पेस में रहनेवाले लोगों में कोरोना का खतरा और संक्रमण कहीं अधिक है।

कोरोना की दूरी को लेकर इतना अंतर क्यों?
– पिछले कुछ महीने में कोरोना वायरस को लेकर अलग-अलग स्वास्थ्य संस्थाओं की कई रिपोर्ट्स आई हैं। सबसे पहले इस वायरस के बारे में जानकारी आई थी कि यह वायरस 3 फीट की दूरी तक फैल सकता है। फिर 6 से 8 फीट और अब 13 फीट तक इस वायरस के फैलने की बात हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कही है।

-दरअसल, ऐसे अलग-अलग डिस्टेंस इस कारण सामने आए आए क्योंकि कोरोना वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकलने के बाद हवा में कितनी दूरी तक सफर करेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हवा में नमी कितनी है, मौसम कैसा और हवा की गति कैसी है। यही कारण है कि शुरुआती स्तर पर ही यह बात विशेषज्ञों द्वारा कह दी गई थी कि एसी की हवा में कोरोना का वायरस अधिक समय तक जीवित रहता है और लंबी दूरी तय करता है।

छोटे घरों में क्यों फैल रहा है संक्रमण?
-आज के समय में जिस तरह से घर और फ्लैट्स का निर्माण किया जा रहा है, उनमें वेंटिलेशन यानी हवा और प्रकाश की पूर्ण व्यवस्था नहीं होती है। इस कारण घर के अंदर की हवा घर में ही घूमती रहती है। जबकि बड़े आकार के और खुले घरों में हवा का प्रवाह (फ्लो) बना रहता है।

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एसी के कारण लंबी दूरी तक फैलता है कोरोना

-इस कारण वायरस घर के अंदर रूक भी कम देर पाता है और हवा के फ्लो के कारण वह खत्म भी जल्दी हो जाता है। क्योंकि जिस ड्रॉपलेट वह मौजूद होता है, उसे हवा द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। जबकि छोटे घरों में वायरस
घर के अंदर ही देर तक मौजूद कहता है और इस कारण संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में आराम से प्रवेश कर जाता है।

एसी की भी है संक्रमण फैलाने में भूमिका
-गर्मी और उमस के मौसम में घरों में एसी का उपयोग किया जाता है। साथ ही ऑफिस और कॉम्प्लेक्स में भी एसी लगे होते हैं। इस कारण इन सभी जगहों के दरवाजे और खिड़कियां बंद होते हैं। इससे किसी संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकला वायरस कमरे, हॉल या बिल्डिंग के अंदर ही मौजूद रहता है। इस बीच यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति इस वायरस के संपर्क में आ जाता है तो यह उसे भी संक्रमित कर देता है।

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