शासकीय अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन ने प्रदर्शन के बाद कलक्टोरेट कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

बलरामपुर/धीरेन्द्र कुमार द्विवेदी. जिले के सभी शासकीय अधिकारी-कर्मचारी  फेडरेशन के आह्वान पर मंगलवार को बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन  कर अपने 11 सूत्रीय मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद की । इसके बाद कलक्टोरेट कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम कलक्टर को ज्ञापन सौंपा । कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर रहने से मंगलवार को भी शासकीय कार्यालयों में वीरानी छाई रही, कामकाज प्रभावित हुआ। इस प्रदर्शन में शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के सभी घटक शिक्षक कांग्रेस, छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, पटवारी संघ, अधिकारी कर्मचारी संघ, लघु वेतन कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ कर्मचारी संघ, अपाक्स, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ, कृषि अधिकारी कर्मचारी संघ, कोषालय कर्मचारी संघ, शासकीय अनुदान प्राप्त कर्मचारी संघ व वाहन चालक संघ शामिल हुए।

गौरतलब है कि अपने 11 सूत्रीय मांगों  के समर्थन में सोमवार से कर्मचारी दो दिवसीय सामूहिक अवकाश पर चले गए थे। सोमवार के साथ ही मंगलवार को भी शासकीय कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हुआ। आंदोलन से जिले का कलक्टोरेट ऑफिस, संभाग मुख्यालय के समस्त कार्यालय सहित तहसील मुख्यालय व अन्य कार्यालयों में वीरानी छाई रही। इधर  पर बड़ी बलरामपुर जिले में भारी संख्या में कर्मचारी इकठ्ठा हुए, फिर यहां एक सभा का आयोजन हुआ। सभा का संचालन लिपिक वर्ग के जिलाध्यक्ष रमेश तिवारी ने करते हुए कहा कि जब वर्तमान सरकार सत्ता में नही थी तो इन्होंने प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को सुनहरे सपने दिखाए, बड़े-बड़े वादे किये। लिपिकों की हड़ताल के दौरान पंडाल में आकर यहां तक कहा कि हम चाहते हैं कि रमन की सरकार आपकी मांगे पूरी ना करे ताकि हम सत्ता में आते ही आपकी वेतन विसंगति में सुधार कर आपको तोहफा दे सके। सत्ता में आते ही ये लोग कर्मचारियों से किये वादे भूल गए।

सभा को विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी  का भी सपोर्ट मिला साथ ही हीरालाल पटवा – जिला अध्यक्ष शिक्षक कांग्रेस , अजित गुप्ता – जिला अध्यक्ष स्वास्थ्यकर्मी संघ, संभु प्रसाद गुप्ता – जिला अध्यक्ष   लघु वेतन चतुर्थ वर्ग कर्म.संघ के अतिरिक्त इम्तियाज़ अहमद, विकास कश्यप, नयनतारा सिंह, रीता बिरथरे, यशोदा बघेल, फुलेश्वरी प्रजापति, निरुपमा सिंह, सरवन्ति रवि, प्रभात पटेल, चन्द्रिका प्रजापति, राजेश्वर प्रसाद, विष्णुकांत गुप्ता, अनूप बड़ा, अविन्दर कुजूर, बुद्धदेव सिंह, बलदेव सिंह, आदेश रवि सहित विभिन्न कर्मचारी संघों के अधिकारी- कर्मचारी भारी संख्या में शामिल रहे। साप्ताहिक बाजार सभा स्थल के बाद कर्मचारियों ने कलक्टोरेट पहुंचकर मांगों के समर्थन में ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।
फेडरेशन की ये हैं प्रमुख मांगें
शासकीय अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन ने 11 सूत्रीय मांगों के समर्थन में दो दिवसीय प्रदर्शन किया। प्रमुख मांगों में प्रदेश के लिपिकों सहित समस्त कर्मचारियों के वेतनमान की विसंगति का निराकरण, कोरोना संक्रमण से मृतक कर्मचारी के आश्रित परिवार को 50 लाख रुपये का अनुग्रह एवं परिवार के सदस्य को योग्यतानुसार नि:शर्त विशेष अनुकम्पा नियुक्ति,. कोरोना वारियर के रूप में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक,
नर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ को प्रोत्साहन राशि के रूप में एक माह का अतिरिक्त वेतन, जुलाई 2020 में मिलने वाली वेतनवृद्धि तत्काल बहाल करना, कोरोना संक्रमण के पहले का जुलाई 2019 में 5 प्रतिशत देय महंगाई पेंशन योजना छत्तीसगढ़ में लागू करना  तृतीय श्रेणी के पदों पर विगत 2 वर्षों से अनुकम्पा नियुक्ति में लगी रोक तुरन्त हटाया जाए एवं अनुकम्पा नियुक्ति के सभी लम्बित प्रकरणों का एक माह की समय सीमा में निराकरण किया जावे। समस्त विभागों में लम्बित पदोन्नति शीघ्र प्रारम्भ किया जाए एवं एक समान रूप से सभी संवर्गों को क्रमोन्नत एवं समयमान वेतनमान का लाभ दिया जावे। चतुर्थ श्रेणी के कार्यभारित एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित पदस्थापना में नियुक्त कर नियमित कर्मचारियो के समान समस्त लाभ दिया जावे। कोरोना में पीड़ित शासकीय कर्मचारी एवं उसके आश्रित के सदस्यों के इलाज में खर्च राशि के चिकित्सा प्रतिपूर्ति हेतु समस्त विभागों में विशेष आबंटन राशि प्रदान किया जावे। राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण मंत्रालय संचालनालय की तरह समस्त कार्यालयों में कर्मचारियों की एक तिहाई उपस्थिति का रोस्टरवार किया जावे। नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना छत्तीसगढ़ में लागू किया जावे,  व अन्य 5 मांगें शामिल हैं।

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