संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को बड़ा झटका, कश्मीर पर खुली चर्चा की मांग ठुकराई गई

नई दिल्ली. आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की पाकिस्तान की कोशिशों को करारा झटका लगा है. संयुक्त राष्ट्र ने इस मुद्दे पर खुली चर्चा की पाकिस्तान की मांग को ठुकरा दिया है. दरअसल शुक्रवार शाम को भारतीय समयानुसार शाम 7:30 बजे इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) चीन के आग्रह पर अनौपचारिक बैठक के लिए सहमत हुआ है लेकिन उसमें बंद कमरे में गुप्त मंत्रणा होगी. इसके बजाय पाकिस्तान चाहता है कि इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के खुले मंच पर चर्चा हो ताकि उसको अपने प्रोपैगेंडा को प्रचारित-प्रसारित करने का मौका मिले. संयुक्त राष्ट्र ने लेकिन उसकी इसी मांग को ठुकरा दिया है.
पाकिस्तान क्यों कर रहा खुली चर्चा की मांग?
दरअसल सुरक्षा परिषद इस मुद्दे पर अनौपचारिक बैठक (Closed Consultation) करेगा. उसमें सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों के अलावा गैर-सदस्यों को शामिल नहीं किया जाता. यह बैठक परिषद के चैंबर में भी नहीं होती बल्कि लोगों की निगाह से दूर एक साइड कमरे में होती है. संयुक्त राष्ट्र के एजेंडा आइटम ‘इंडिया पाकिस्तान क्वेश्चन’ के तहत चीन ने इस बैठक का प्रस्ताव किया है. इसमें ‘कश्मीर’ शब्द का जिक्र नहीं किया गया है.
इस तरह की मीटिंग सार्वजनिक रूप से नहीं होती. बंद कमरे में गुप्त मंत्रणा होती है. मीटिंग में कही गई बातों का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों के बीच सलाह-मशविरे के लिए इस तरह की अनौपचारिक बैठकों का आयोजन किया जाता है. इसका प्रसारण नहीं किया जाता. पत्रकारों को भी इसको कवर करने की अनुमति नहीं होती.
उल्लेखनीय है कि कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद इस मुद्दे पर पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखा है. इसी के मद्देनजर पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से इस मुद्दे पर अनौचारिक बैठक (Closed Consultation) का आग्रह किया है. सुरक्षा परिषद में शामिल चीन को छोड़कर बाकी सभी चारों स्थायी सदस्यों ने प्रत्यक्ष तौर पर नई दिल्ली के इस रुख का समर्थन किया है कि यह विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मसला है. अमेरिका ने भी कहा है कि कश्मीर के संबंध में हालिया घटनाक्रम भारत का आंतरिक मसला है.