सफलता की कहानी : धौरामुड़ा की महिलाएं लिख रही हैं विकास की नई इबारत


बिलासपुर. विकासखण्ड बिल्हा के ग्राम पंचायत धौरामुड़ा की महिलाएं सशक्त होकर विकास की नई इबारत लिख रही है। सुराजी गांव योजना से उन्हें उन्नति के पथ पर अग्रसर होने का अवसर मिला है। पूरे आत्मविश्वास के साथ ये महिलाएं अपने काम को सुचारू रूप से न केवल पूरा कर रही हैं, अपितु ग्राम की अन्य महिलाओं को भी इस दिशा में प्रेरित कर रही है। धौरामुड़ा में सुराजी गांव योजना के तहत गौठान निर्मित किया गया है। यहां जय महालक्ष्मी एवं जय मां सरस्वती समूह की महिलायें 28 क्विंटल वर्मी खाद का उत्पादन कर चुकी है। जिनमें से 14 क्विंटल खाद की बिक्री भी हो गई है। आर्थिक रूप से सक्षम होने का आत्मविश्वास उनके चेहरों पर साफ झलकता है।


इसी गांव की जय बूढ़ी मां स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने अध्यक्ष श्रीमती बंधन बाई के नेतृत्व में एक कदम आगे बढ़ाते हुए अब बांस से सुपा, टुकनी, गुलदस्ता, कमंडल एवं पर्स निर्माण का कार्य भी शुरू किया है। इस समूह में 10 महिलाएं हैं। महिलाओं ने अब तक इन सामानों से 10 हजार रूपये की मुनाफा कमाया है। विगत दिनों कृषि उत्पादन आयुक्त सुश्री एम.गीता एवं कलेक्टर डाॅ.सारांश मित्तर ने निरीक्षण के दौरान इनके कार्यों की सराहना भी की थी। आत्मविश्वास से लबरेज इन महिलाएं कहती हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा शुरू की गई इस योजना से हमारी जिंदगी बदल गई है। अब परिवार एवं समाज में हमें अधिक मान मिलने लगा है।

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