सागौन का अवैध परिवहन करना पड़ा महंगा,न्यायालय ने लगाया 5000 का अर्थदण्‍ड

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टीकमगढ़. मीडिया सेल प्रभारी एन.पी. पटेल ने बताया कि घटना दिनांक 04 मार्च 2007 को रात्रि करीब 1:30 बजे मड़ोर वन बीट लाड़पुरा के कक्ष आरएफ 171 में सागौन की लकडि़या काटने की सूचना प्राप्‍त हुई। उक्‍त सूचना पर परिक्षेत्र अधिकारी अपने वन स्‍टॉफ के साथ मौके पर पहुँचे तो उन्‍होंने पाया कि दो साइकिलों पर सागौन की ताजी लकड़ी काटकर रखी हुई है तथा आरोपी सहित कुल पॉंच व्‍यक्ति कुल्‍हाड़ी से लकड़ी काटने में लगे हुए हैं। वन विभाग द्वारा घेराबंदी करने पर आरोपी नंदकिशोर पकड़ में आया व अन्‍य चार व्‍यक्ति रात के अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। मौके पर दो नग कुल्‍हाड़ी और सागौन की तीन नग लकड़ी जब्‍त की जाकर जब्‍तीपत्रक तैयार किया गया और आरोपी नंदकिशोर को गिरफ्तार किया गया। मौके पर ही पीओआर क्रमांक 3646/03 लेख कर प्रकरण दर्ज किया गया। आरोपी नंदकिशोर से पूछतांछ करने पर उसने अपने साथी जो भाग गए थे उनके नाम आजाद सेंटी और भज्‍जू व गणेश होना बताया उक्‍त सभी आरोपीगण के विरूद्ध वन विभाग द्वारा प्रकरण बनाकर कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। आज दिनांक 08.10.2020 को माननीय न्‍यायालय न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट प्रथम श्रेणी, टीकमगढ़ द्वारा आरोपी के संबंध में संपूर्ण विचारण पश्‍चात् उसे मध्‍यप्रदेश वनोपज व्‍यापार विनियमन अधिनियम 1969 की धारा 5/16 व भारतीय वन अधिनियम की धारा 26 के तहत दोषसिद्ध पाते हुए उसे सजा के तौर पर न्‍यायालय उठने की सजा एवं 5000 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।उक्‍त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री विकास गर्ग, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई।

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